BP NEWS CG
Breaking Newsबड़ी खबरव्यापारसमाचार

बैगा जनजाति समुदाय के लोग सीख रहे है बाँस कला , ज्ञानोदय ग्रामीण सेवा समिति दे रहा है प्रशिक्षण

IMG-20241203-WA0000
IMG-20241204-WA0012
IMG-20241204-WA0011
Flex 10x20 new_1
previous arrow
next arrow

कवर्धा : पंडरिया विकासखण्ड के वनांचल ग्राम अमनिया में विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोगो को बासशिल्प एवं बास फर्नीचर निर्माण प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है । बांस कलाकृति प्रदेश में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में लोकप्रिय शिल्पों में से एक है। बांस शिल्प की कलाकृतियां शहर, गांव के साथ ही अधिकांश घरों में किसी न किसी रूप में देखने का मिल जाती है, यह सुलभ, सरल एवं लोकप्रिय है। स्थानीय ग्रामीण और यहां की जनजाति बांस शिल्प का उपयोग और महत्व को जानती और पहचानती है, वे बांस का काम प्रमुखता से करते है और बांस से अनेक उपयोगी एवं मनमोहक सामग्रियां तैयार करते है लेकिन उसे अधिक ज्यादा निर्माण करने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है ।
कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहल पर कौशल उन्नयन के स्वरोजगारोन्मुख कार्यक्रम चलाए जा रहे है। कबीरधाम जिला के पंडरिया विकासखण्ड के विशेष पिछड़ी जनजाति बहुलता ग्राम अमनिया में आदिवासी पुरुषों – महिलाओं को बासशिल्प एवं बास फर्नीचर निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बैगा समुदाय के 29 लोगो को बांस के निर्मित फर्नीचर, गुलदस्ते आदि बनाने की कला सिखाई जा रही है। महिलाओं को बांस के द्वारा बनाई जाने वाली विभिन्न सामग्रियों का प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया गया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आदिवासी महिलाओं की विशेष तौर पर भागीदारी हैं । बैगा आदिवासी महिलाओं द्वारा बांस निर्मित फर्नीचर, गुलदस्ते एवं घरेलु उपयोगी बांस से निर्मित सामग्री का निर्माण किया जा रहा है। जिन्हें वे स्थानीय सी मार्ट , बाजार, हॉट-बाजारों में बेच कर अपनी आय बढ़ा सकती है। जिससे उनकी मासिक आय में वृद्धि तो होगी साथ ही उनके जीवन स्तर में भी होगा ।
ज्ञानोदय ग्रामीण सेवा समिति छत्तीसगढ़ के फील्ड मैनेजर मानु के मुताबिक मापदण्ड के आधार पर 18 वर्ष से अधिक उम्र के साक्षर लोगों को उनकी अभिरूचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान 15 सौ रूपए प्रतिमाह की छात्रवृति भी मुहैय्या कराई जाएगी । प्रशिक्षण एक माह तक चलता है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सूप, टोकरी, कंधे पर ढोई जाने वाली बहगी, मछली फंसाने वाला जाल के साथ ही घरेलू सजावट की वस्तुएं फूलदान, हैंडबैग आदि है। जिनका विक्रय छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित सी मार्ट और आसपास के बाजारों और मड़ई मेलों प्रदर्शनी के समय विक्रय किया जा सकता है। बांस से फर्नीचर भी बनाये जाएंगे जिसमें सोफा सेट, स्टूल आदि है।
बैगा समाज के प्रदेशाध्यक्ष इतवारी मछिया ने बांसशिल्प एवं बांस फर्नीचर निर्माण प्रशिक्षण के लिए किया सहयोग
प्रयोजक:- ज्ञानोदय ग्रामीण सेवा समिति छत्तीसगढ़ ,आयोजक:- जनपद पंचायत पंडरिया के संबंध बताया कि बांस की विभिन्न सामग्रियों के साथ ही गिलास और प्लांट गमलों के प्रशिक्षण भी दिए जाए । जिससे विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगो के आर्थिक स्थिति में सुधार हो और अपने जीवन स्तर को सुधार सके । महिलाओं को सूपा , टोकरी और बॉस से बनने वाले झाड़ू के लिए ज्यादा प्रशिक्षित किया जाए जिसका विक्रय आसानी से हो सके ।
      

Related posts

कवर्धा शहर को मिली एक और बड़ी सौगात ,उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयास से 10 करोड़ की लागत से बनेगा गौरव पथ

bpnewscg

बाज़ार चारभाठा में बालीबाल मैच उद्घाटन में पहुचे महेश चन्द्रवँशी

bpnewscg

आम आदमी पार्टी में बड़ी संख्या लोग हुए शामिल 

bpnewscg

Leave a Comment