कवर्धा, मां बम्लेश्वरी महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने आज भीड़ में अलग पहचान बनाने में कामयाब हो रही है। समूह की महिलाओं की हाथों में हुनर है और वैज्ञानिक तथा तकनीकि कामों में दक्ष हो गई है। इस हुनर से समूहों को अलग पहचान मिल रही है। तकनीकि ढंग से जैविक खाद बनाकर महिलाएं आज अपनी आय का जरिया तो बना ही रही है साथ ही साथ सेहदमंद पर्यावरण और खेती बनाने की दिशा में भी अपनी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह अब राज्य शासन की सुराजी गांव योजना के तहत संचालित हो रही गौठान से संभव हो सका है।
जिले के पंडरिया विकासखण्ड के ग्राम रैतापारा में सुराजी गांव योजना के तहत गौठान संचालित है। जिला प्रशासन द्वारा गौठान के मापदण्ड के आधार पर सभी मूलभूत सुविधाएं यहां उपलब्ध कराई जा रही है। इस गौठान में जैविक खाद बनाने के लिए बम्लेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह का चयन किया गया है। गौठान के पास में ही खाली भूखण्ड को सामुदायिक बाड़ी के लिए चयन किया गया है, जहां बाड़ी विकास की दिशा में यह गौठान आगे बढ़ रहा है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती गोदावरी यादव है। अध्यक्ष श्रीमती गोदावरी ने बताया कि उन्होने कभी यह कल्पना भी नहीं की थी, कभी गोबर भी सरकारी तौर पर खरीदी की जाएगी, और यहां रोजगार के अवसर मिलेंगे। गौठान का संचालन और गौधन न्याय योजना हम जैसे राज्य के लाखों महिलाओं को नई दिशा दे ही है। अब तक इस गौठान में 1156.46 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकि है, और उन सभी गोबर से जैविक खाद बनाया जा रहा है। अब तक 417.15 क्विंटल कुल वर्मी कंपोस्ट का निर्माण समूह द्वारा किया गया है। जैविक खाद की मांग किसानों द्वारा अधिक हो रही है। यही वजह है कि यहां मांग के आधार पर जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। जैविक खाद के महत्व को किसानों द्वारा समझे जाने लगा है। अब तक समूह ने जैविक खाद से 1 लाख 83 हजार 711.70 रूपए कमा ली है। गौठान समिति के अध्यक्ष श्री राजकुमार चन्द्रवंशी समूह की महिलाए आत्मनिर्भर की दिशा में आगे बढ़ रही है। यहां जिला प्रशासन द्वारा गोठान की सुरक्षा के लिए तार फेनसिंग, खाद निर्माण के लिए टांका का निर्माण, मवेशियों की पानी के लिए कोटना, छांव की व्यवस्था के लिए पौधा रोपण किया गया है। समूह के लिए सामुदायिक बाड़ी का निर्माण भी किया गया है।
छांव और आय का जरिया बढ़ाने फल उद्यान के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आज रैतापारा गौठान का निरीक्षण किया और वहां संचालित हो रहे मल्टीएक्टीयूटी कार्यों का अवलोकन किया। उन्होने यहां अब तक कुल गोबर खरीदी और जैविक खाद उत्पादन की जानकारी ली। महिला समूहों से चर्चा करते हुए उनके अजीविका के लिए आय के और नए स्त्रोत बनाने की दिशा में अधिकारियों के निर्देश दिए। यहां सरपंच ने बताया कि गोठान के समीप शासकीय भूमि पर कब्जा था, जिसे मुक्त कराकर गांव वालों ने गौसेवा के लिए समर्पित किया। कलेक्टर ने उस खाली भूखण्ड पर जानवरों के लिए छावं की व्यवस्था के लिए इस बार पर्याप्त मात्रा में फलदार पेड़ लगाने के निर्देश दिए। उन्होने सामुदायिक बाड़ी को और बेहतर ढ़ंग से विकसित कर आय के और जरिया बनाने की दिशा में समूह को काम करने के लिए प्रेरित किया। निरीक्षण के दौरान जनपद सीईओ श्री तरूण बघेल और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।