कवर्धा , कबीरधाम जिले में चुना पत्थर , मुरूम और अवैध रेत का परिवहन, खनन, ईट निर्माण बिना रोक टोक पनप रहा है। अवैध क्रेसर की संख्या भी भारी संख्या में फलफूल रहा है जिस पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। खनिज विभाग और जिला प्रशासन भी राजनीतिक दल के संरक्षण में कार्य कर रहे हैं जिसके चलते ग्रामीणों को सड़क पर उतरना रहा है। चिलचिलाती धूप में भलपहरी के सैकड़ों महिलाएं कलेक्टर कार्यालय के समाने खड़ी होकर अपनी मांग के लिए अड़े रहे।
गहरा रहा जल संकट
ग्राम भलपहरी विकास खण्ड बोड़ला जिला कबीरधाम में आशा मिनरल्स प्रोडक्ट गिट्टी खदान संचालित है. जिनके द्वारा गिट्टी निकासी हेतु सप्ताह 100 से 200 के बीच ब्लास्टिींग किया जाता है. जिस कारण भूमि का निचले स्तर का चट्टान खिसकने से पानी का स्तर लगातर नीचे जा रहा है एवं गिट्टी खदान से पानी को 40 हार्स पावर 4 नग पंप के मदद से पानी को बहार फेका जा रहा है। जिससे गांव के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में पानी निकासी का साधन तालाब, हैंडपंप, नलकूप पुरी तरह से बंद हो गया है. एवं जो भी है वो बड़ी मुश्किल से एक दो घण्टे ही चल पा रहा है। जिस कारण पुरे गांव में पानी की भारी किल्लत है एवं क्रेशर से निकलने वाले धूल से कई प्रकार की गंभीर बिमारी का प्रकोप है।
आंदोलन की चेतावनी
भलपहरी के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में यह भी लिखे है कि पुरे गांव वालो के द्वारा कई बार उक्त खदान को बंद कराने के लिए शासन प्रशासन को आवेदन दे चुका है. लेकिन आज दिनांक तक उक्त खदान को बंद करने हेतु कोई आदेश जारी किया गया है। जिस कारण आज ग्रामवासीयों में भारी आक्रोश है।
उन्होंने अपने आवेदन में यह भी लिखे है कि यदि खदान को तत्काल बंद नही किए जाने की स्थिति में ग्रामिण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।