BP NEWS CG
Breaking Newsबड़ी खबरसमाचार

रुक्मणी विवाह मे भक्तों ने पखारे पैर और सुदामा चरित्र पर आंखे हुई नम

20240905_073131-BlendCollage
20240905_073131-BlendCollage
previous arrow
next arrow
कवर्धा , ग्राम सारंगपुर कला में गंगा प्रसाद बंजारे-निर्मला बंजारे के निवास में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान भक्ति यज्ञ महोत्सव का आयोजन 22 मार्च बुधवार को प्रारंभ हुआ। बाल योगी स्वर कोकिला पूज्य बाल साध्वी संतोषी भारती महात्यागी ने सप्तम दिवस की कथा में रुक्मिणी विवाह द्वारिका लीला और सुदामा चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सुदामा की पत्नी सुशीला ने अपने पति से कहा कि तुम अपने मित्र द्वारकाधीश से मिलने जाओ। जो हमारे गरीबी दूर करने के लिए कुछ न कुछ जरूर देंगे । इस पर वे उनके साथ पड़ोस से तीन मुठ्ठी चावल लेकर श्रीकृष्ण से मिलने द्वारकापुरी गए। श्री कृष्ण ने सुदामा से उनमें से दो मुठ्ठी चावल खा लिए। जिसके बदले में श्रीकृष्ण ने सुदामा को दरिद्रता दूर कर धनवान बना दिया। इस दौरान आपस के मिलन का भाव पूर्ण चरितात्र सुनाया। श्रीकृष्ण ने अपने आसूंओं से सुदामा के चरण धोए और अच्छे कपड़े पहनाकर ऊंचे आसान पर बैठाया। कथा के दौरान कृष्ण-सुदामा के मिलन की कथा को विस्तार से बताते हुए कृष्ण ने अपने बाल अवस्था के घटनाओ को भी सुदामा को याद कराया । इसके बाद रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाई। संतोषी भारती महात्यागी ने कथा का वाचन करते हुए कहाकि श्रीकृष्ण से प्रेम देवी रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थी। रुक्मिणी अपनी बुद्धिमता, सौंदर्य और न्यायप्रिय व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थीं। रुक्मिणीजी का पूरा बचपन श्रीकृष्ण की साहस और वीरता की कहानियां सुनते हुए बीता था। रुक्मिणी की भगवान के प्रति लगन, आस्था और उनकी इच्छा के चलते भगवान उनका वरण किया।

कथा श्रवण करने पूर्व संसदीय सचिव सियाराम साहू , प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा , जिला पंचायत सदस्य रामकुमार भट्ट , गोकुल चन्दवंशी सहित आसपास के ग्रामीणों की कथा सुनने भीड़ लगी हुई है ।

Related posts

जनमन योजना अन्तर्गत निर्माणाधीन पक्की सड़क में गुणवत्ता दरकिनार, जंगली सामग्री का उपयोग

bpnewscg

बड़ौदा के सरपंच जांच में नही हुआ उपस्थित , जांच टीम को नही दिया तबज्जो

bpnewscg

मनरेगा कर्मियों को नही मिल रहा वेतन , हो रहे है परेशान 

bpnewscg

Leave a Comment