कवर्धा-राष्ट्रीय राजमार्ग में बसे पोड़ी क्षेत्र में इन दिनों सट्टा का कारोबार जोर पकड़ रहा है। ग्रामीण एक का अस्सी के फेर में अपनी मेहनत की कमाई लुटा रहे है। लेकिन पुलिस सटोरियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है। केवल पट्टी काटने वाले को पकड़कर जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है । बताया जाता है कि पुलिस प्रशासन की इस छूट के चलते सटोरिए लगातार अपना दयारा बढ़ा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में सटोरिए ग्राम पोंड़ी, नेऊरगांव, चिल्हाटी, मानिकपुर तथा आसपास के ग्रामों में सक्रिय है और चाय दुकान , पान ठेले सहित क्षेत्र में घूम-घूमकर सट्टा पट्टी लिख रहे हैं। पोड़ी सहित जिले के दूसरे ईलाकों में यह इतना लोकप्रिय है कि युवाओं, बुजुर्गो से लेकर महिलाए और बच्चों भी इस खेल के जरिए एक का अस्सी बनाने हर रोज दांव लगाते हैं। सूत्रों की माने तो कई लोग तो इस खेल के इतने आदी हो चुके हैं कि वे अंकों पर दांव लगाने के लिए रुपए की व्यवस्था में अपने घरों के कीमती सामन तक को बेच देते हैं। घरेलू सामान को तो बेचते है ।यही हाल युवाओं और बच्चों का है जो सट्टा खेलने के लिए अपने घर में छोटी-मोटी चोरी चकारी करने से भी गुरेज नहीं करते। पोंडी सहित क्षेत्र में लगातार पांव पसर रहे सट्टा का ग्रामीण अंचल व समाज पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव को देखते हुए अंचल के प्रबुद्घजनों ने पुलिस प्रशासन ने सटोरिओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग कर रहे है।
सोशल मीडिया का उपयोग
सट्टा खेलने व खेलाने वाले इतना चतुर व चालाक हो गए है कि इसके लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं इसका उपयोग होने से पुलिस भी इन पर कार्यवाही नही कर करता वजह यह कि पहचान ही कर सकता हैं हालांकि अंदर से सब पता रहता हैं । आजकल सभी के पास एनराइड मोबाइल हैं और सभी लोग व्हाट्सएप व अन्य कई प्रकार का एप उपयोग करते है ।
चाय पान दुकान में सट्टा
बस स्टैड के समीप चाय पान दुकानों में चाय पर चर्चा की तर्ज पर सट्टा लिखा जाता है और लोग चाय पीने के बहाने घंटो बैठकर अस्सी पाने इंतजार करते रहे है इसका जानकारी जिम्मेदारों को है लेकिन ओहदे के अनुरूप साप्ताहिक चढ़ावा चढ़ जाने के कारण कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति करते है ।
रसूखदारों पर कार्यवाही नही
चाय दुकान में चर्चा भी हो रहा था कि पोड़ी में सत्ता पक्ष के कुछ विशेष लोगो के द्वारा भी सट्टा खाईवाल का काम करते है इनके द्वारा चढ़ावा तो चढ़ाया जाता है साथ ही राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है । जिसके चलते इनके तरफ ज़िम्मेदार लोग आंख उठाकर देखते भी नही ।
कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति तो संपूर्ण कबीरधाम के सभी विभागों में चल रहा है लेकिन पोड़ी में अवैध तरीके से संचालित सट्टा में कुछ ज्यादा ही हो गया है । सट्टा के गोरखधंधा में जुड़े हुए खाइवालो ने सप्ताह में कोई पट्टी काटने वाले को बली का बकरा बनाकर कार्यवाही का खानापूर्ति कर देते है।