कवर्धा . पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कवर्धा पहुंची भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि कवर्धा जैसी महत्वपूर्ण विधानसभा के विधायक और मंत्री मो. अकबर ने क्षेत्र के विकास के लिए कोई कार्य किया नहीं किया. उन्होंने सिर्फ एक वर्ग विशेष को बढ़ावा देने का काम किया. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की आवश्यकता नहीं होने वाले बयान को लेकर कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को घेरते हुए कहा कि चुनाव से पहले हाथ में गंगाजल लेकर कांग्रेस ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था लेकिन सरकार के पांच साल पूरा होने को है, आज प्रदेश कांग्रेस प्रभारी का ऐसा बयान कांग्रेस की वादाखिलाफी को दिखाता है. उन्होंने महादेव एप को लेकर सरकार और मुख्यमंत्री को जोरदार ढंग से घेरते हुए कहा कि ईडी की कारवाई के बाद जितने बदहवास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिख रहे हैं, उससे साफ समझ में आ रहा है कि इन तमाम घोटालों का किंगपिन और पॉलिटिकल मास्टर कौन है। इतने बदहवास तो मुख्यमंत्री भूपेश जी तब भी नहीं दिखे थे जब उनकी नजदीकी उप सचिव जेल गयी थी। यह बदहवासी से लगता है कि *चोर की दाढ़ी में तिनका।* जिस तरह से आरोपियों/अपराधियों/संदिग्धों के पक्ष में बकायदा कांग्रेस के प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यालयों का उपयोग किया गया वह आश्चर्यजनक है।
सुश्री सरोज पांडे ने कहा कि ईडी ने यह कार्रवाई तब शुरू की जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने सबसे पहले महादेव बुक एप की ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हालांकि यह भी सबको मालूम है कि यह एफआईआर असल मुजरिमों को बचाने और कार्रवाई के नाम पर लीपापोती के लिए दर्ज की गई थी इसके पहले विशाखापटनम पुलिस ने भी इस नेटवर्क के खिलाफ विस्तृत जांच की थी जिसमें इस गिरोह के काम करने के तौर तरीकों और हजारों करोड़ के बेनामी लेन-देन का भंडाफोड़ किया गया था। *सभी एफआईआर से मनी लांड्रिंग की बू आ रही थी और आईपीसी की धारा के तहत मनी लांड्रिंग की जांच राज्य पुलिस नहीं कर सकती सिर्फ केन्द्रीय एजेंसी कर सकती है। तो भूपेश बघेल को आपत्ति क्यों? आंध्रप्रदेश में भी इसी मामले में कार्रवाई को लेकर वहां के मुख्यमंत्री ने कोई हो हल्ला नहीं मचाया।*
अगर मुख्यमंत्री पाक-साफ होते तो न केवल ईडी की तमाम कारवाई का स्वागत करते, जांच में पूरा सहयोग करते बल्कि एजेंसी को धन्यवाद भी देते कि छत्तीसगढ़ को इस बेदर्दी से लूटने वालों पर कार्रवाई कर रही है केन्द्रीय एजेंसियां। जबकि उलटे ईडी के खिलाफ न केवल रायपुर और दिल्ली तक प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि की जा रही है बल्कि ईडी के अधिकारियों के खिलाफ गाली-गलौज और हिंसा भी की जा रही है। जिस तरह कल भिलाई में अपना काम कर रहे अधिकारियों के खिलाफ आरोपियों के गुंडों ने हिंसा करने की कोशिश की, बल्कि गाड़ियों में तोड़-फोड़ भी किया इससे छत्तीसगढ़ बदनाम हो रहा है। कांग्रेस के नेताओं के संरक्षण में इस तरह की हिमाकत करने वालों पर कड़ी कारवाई मुख्यमंत्री को करनी चाहिए। ईडी की कार्यवाई छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश पुलिस दर्ज FIR की बुनियाद पर की जा रही है। और ईडी की अब तक की जाँच के मुताबिक सट्टे का यह नेटवर्क हजारो करोड़ रूपये का है।
सट्टेबाजों के हौसले इतने बुलंद थे कि बाकायदा पूरे-पूरे पेज का विज्ञापन जारी कर ये अपना यूजर बढ़ा रहे थे, एक तरह से प्रदेश और शासन को मूंह चिढा रहे थे ये। प्रदेश के युवाओं की गाढ़ी कमाई विदेशों में भेजी जा रही थी और बजाय अपराधियों पर कारवाई के शासन-प्रशां से जुड़े लोग कमीशन खाने में व्यस्त थे।छत्तीसगढ़ के गरीब और भोले भाले युवाओं को ऑनलाइन जुए की लत लगाकर इस बेदर्दी से संस्थागत लूट की जितनी निंदा की जाय, वह कम है।
इस महीने की 10 तारीख को गुढ़ियारी पुलिस द्वारा दर्ज मामले में पता चला है कि किस तरह इस गिरोह के लोग भोलेभाले लोगों के आधार कार्ड और दस्तावेज हासिक करके फर्जी बैंक खाते खुलवा रहे थे और इन खातों के जरिये करोड़ों का अवैध लेन-देन किया जा रहा था। अनेक बेनामी खाते और चेकबुक का भी दुरुपयोग किया गया है।
सुश्री सरोज पांडे ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारियों और महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों को महादेव एप्प के संचालकों से वसूले गए करोड़ों रुपए प्रोटेक्शन मनी के रूप में देता रहा है। इस मौके पर जिला भाजपा अध्यक्ष अशोक साहू, विधान सभा प्रभारी राजेंद्र वैष्णव, अनिल ठाकुर, जसविंदर बग्गा, राजेंद्र चंद्रवंशी, देवकुमारी चंद्रवंशी, बरसाती वर्मा, बिरेंद्र साहू, भरत बनसे, राजकुमारी साहू सहित पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे.