कवर्धा – विगत कुछ दिनों से कबीरधाम जिले में यादव समाज को प्रताड़ित किया जा रहा है जिसको लेकर सर्व यादव समाज ने कलेक्टर को लिखित ज्ञापन सौंपे है और अपने ज्ञापन पत्र में लिखे है कि ग्राम दुल्लापुर तहसील कवर्धा निवासी मिलन यादव के नाम पर ग्राम में निजी लगानी भूमि ख.नं. 191/1 रकबा 0.028 हे० स्थित है। जिसकी भूमि के पीछे में कवर्धा निवासी विनय बोथरा की भूमि है। विनय बोथरा के द्वारा आवेदक के भूमि को हड़पने की नीयत से विगत एक वर्ष से विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित करते आ रहा है।
पीढ़ियों से काबिज है मिलन यादव
सर्व यादव समाज ने ज्ञापन देते हुए बताया कि विनय बोथरा के द्वारा तहसीलदार एवं पटवारी से मिलीभगत कर मिलन यादव की भूमि को ऑनलाईन से विलोपित कराकर उक्त भूमि को शासकीय भूमि घोषित कर दिया गया है, जबकि उक्त भूमि में पीढ़ियों से कृषि कार्य करते आ रहा है। कभी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आई है।
तहसीलदार और पटवारी पर लगाया आरोप
यादव समाज ने यह भी आरोप लगाया है कि तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा विनय बोथरा के कहने पर बिना जॉच पड़ताल किये घर बैठे पीड़ित की भूमि को राजस्व अभिलेख से ऑनलाईन हटा दिया गया है एवं शासकीय भूमि दर्ज कर दिया गया है। जिसके संबंध में पीड़ित के द्वारा शासन-प्रशासन से अनेकों बार गुहार लगा चुका है, किन्तु कोई सुनवाई नहीं किया गया है। शासन प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर पीड़ित परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग किया है, जो कि अत्यंत ही खेदजनक है।
दस्तावेज में काट छाट करने का आरोप
सर्व यादव समाज ने अपने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाते हुए लिखे है कि पीड़ित मिलन यादव की निजी लगानी भूमि को तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा मिलीभगत कर अभिलेख में कॉट छांट करते हुए कथित व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की नीयत से निजी भूमि को विलोपित कर शासकीय भूमि दर्ज करा दिया गया है। तथा पीड़ित को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है। तथा बार-बार नोटिस भेजकर जमीन को छूड़वाने का प्रयास किया जा रहा है।
आंदोलन करने के मूड में यादव समाज
सर्व यादव समाज ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन मांग करते हुए लिखे है कि पीड़ित मिलन यादव ग्राम दुल्लापुर के निजी लगानी भूमि को तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा मिलीभगत कर ऑनलाईन में विलोपित कर शासकीय भूमि दर्ज करने के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करते हुए राजस्व अभिलेख व ऑनलाईन में यथावत मिलन यादव के नाम दर्ज कराने का कृपा करे , शीघ्र कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में सर्व यादव समाज आन्दोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी ।