कवर्धा , कबीरधाम जिले में चार विकासखंड है साथ ही नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत भी हैं । जहां पर बिना कमीशन और रिश्वत के कोई काम नहीं होता । हाल ही में जनपद पंचायत बोडला में पदस्थ बड़े बाबू को एंटी क्रॉप्शन ब्यूरो ने पकड़ा। पंचायत सचिव जन्म प्रमाण पत्र के लिए एक हजार रुपए की रिश्वत मांगी जिसका वीडियो वायरल हुआ जिस पर उसे जिला कलेक्टर ने निलंबित किया। छोटे छोटे काम के लिए लोगो से कमीशन और रिश्वत लिया का रहा है जो समझ से परे है।
प्रशासनिक डर नही , रिश्वतखोरी हावी
जिले में अधिकारी कर्मचारी राज इतना हावी है कि लोग जन्म , मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड जैसे छोटे छोटे कार्यों के लिए रिश्वत देते है यदि रिश्वत नहीं देने पर उन्हें बार बार घुमाया जाता हैं । लोग मजबूर हो जाते है उन्हें रिश्वत देने। हाल ही में सोशल मीडिया में वायरल वीडियो पर कार्यवाही किया गया लेकिन इस तरह का वीडियो साझा करने लोगो को आवश्यकता क्यों पड़ी इस पर विचार करने की आवश्यकता है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी और और कर्मचारियों को पद से पृथक कर जनता को अच्छा संदेश दिया जाना चाहिए ।
कमीशनखोरी हावी
जिले में हितग्राही मूलक योजनाओं पर कमीशन देना पड़ता हैं । जबतक कमीशन नहीं मिलता फाइल आगे नहीं बढ़ता । गांवों में शौचालय निर्माण, सड़क निर्माण,नाली , स्कूल आंगनबाड़ी सहित अन्य कार्यों में जब तक कमीशन नहीं देंगे तब तक कार्य स्वीकृत नहीं होता। मिली जानकारी अनुसार शौचालय निर्माण के लिए बारह हजार रुपए स्वीकृत किया जाता हैं जिसमें जनपद के बाबू दो हजार रुपए लेता है तब फाइल आगे बढ़ता है । बोडला जनपद पंचायत में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की राशि के लिए एक लाख रुपए की कमीशन लिया जा रहा था जिसे रंगे हाथ पकड़ा गया । ऐसा पूरे जिले के सरकारी दफ्तर में चल रहा है ।
संरक्षण की आशंका
कमीशन खोरी और रिश्वतखोरी में उच्चाधिकारियों की संलिप्तता के बगैर अधीनस्थ कर्मचारी कैसे लोगो से पैसा लेगा । एक कर्मचारी भी उच्च अधिकारी के इशारे में ही लोगों को बार बार घुमा कर रिश्वत और कमीशन के लिए मजबूर किया जाता हैं। कर्मचारियों में डर भय गायब हो गया है और बेधड़क कमीशन लिया जाता है ।