कवर्धा , छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता हैं । छत्तीसगढ़ में धान की पैदावार भी भारी मात्रा में होता है । समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी जोरो पर है। उपार्जन केंद्रों में भारी मात्रा में धान की आवक हो रही है। सरकार के द्वारा धान की खरीदी को लेकर तरह तरह की नियम कायदे बनाया गया है साथ ही गड़बड़ियां रोकने के लिए भी अलग अलग स्तर पर अधिकारियों की टीम गठित किया गया है लेकिन ये सब दिखावा और महज कोरम पूर्ति है । उपार्जन केंद्रों में जिम्मेदारों के नाक के नीचे किसानों से 500 ग्राम से एक किलो ग्राम धान प्रति बोरी लिया जा रहा है। जो जांच का विषय बना हुआ है लेकिन जांच आखिर कौन करेगा यह एक बड़ी सवाल है । छत्तीसगढ़ी में एक कहावत है ….चोर चोर मौसेरे भाई ।
500ग्राम से एक किलो अधिक की तौलाई
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा किसानों की आवश्यकता के अनुरूप भारी संख्या में उपार्जन केंद्र की स्थापना किया है । कबीरधाम जिले में 108 उपार्जन केंद्र है । जहां किसानों की उपज को खरीदा जा रहा हैं । पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी किया जाता है । प्रति बोरी में 40 किलोग्राम धान की खरीदी किया जाना है ।उपार्जन केंदों में किसानों के द्वारा अपनी मेहनत की कमाई को लेकर बेचने जाते है तो उनसे प्रति बोरा 41 किलो 200 से 42 किलो तक की धान की तौलाई किया जाता हैं जबकि नियमानुसार 40 किलो 700 ग्राम की तौल होना चाहिए या फिर बोरी के। बदले बोरी रखकर 40 किलो की खरीदी किया जाना चाहिए लेकिन उपार्जन केंद्र प्रभारी के निर्देशानुसार वहां पर तैनात हेमालियो के द्वारा ज्यादा तौल किया जाता हैं।
मना करने पर करते हैं दादागिरी
कबीरधाम जिले के उपार्जन केंद्रों में किसान की उपज को खरीदने के लिए व्यवस्था दुरस्त है । किसानों की धान को सही मात्रा में खरीदी के लिए इलेक्ट्रानिक मशीन लगाया गया है लेकिन किसानों के उपज में काटा मारी बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। किसानों के द्वारा अधिक मात्रा में धान की तौल करने को लेकर मना किया जाता हैं तो वहां मौजूद कर्मचारियों के द्वारा दादागिरी करते हुए उनके धान को खरीदने से मना करने लगते है जिससे किसान भयभीत होकर उन्हें अधिक मात्रा में धान देने मजबूर दिखाई देते है।
भौतिक सत्यापन की आवश्यकता
जिला प्रशासन द्वारा पारदर्शिता पूर्ण धान खरीदी के लिए प्रत्येक खरीदी केंद्र के नोडल की नियुक्ति किया गया है जिनके द्वारा गड़बड़ी को रोकने के लिए उपार्जन केंद्र और सरकार के बीच मध्यस्थता का कार्य करना है साथ ही समन्वय स्थापित करना है लेकिन कबीरधाम जिला के समस्त खरीदी केंद्र सहित सहसपुर लोहारा विकासखंड के मुख्यालय में विद्युत कार्यालय के समीप संचालित उपार्जन केंद्र में किसानों से खरीदी किए गए धान का जो स्टॉक है । जिसका खरीदी और भुगतान किया जा चुका हैं यदि उसको भी तौल किया जाए तो किसानों से नियमानुसार लिए जाने से अधिक मात्रा में मिलेगा । सक्षम अधिकारी यदि उक्त स्ट्रोक की धान का बोरी को तौल करते हुए भौतिक सत्यापन किया जाए तो वास्तिक में कितना किसानों की कमाई से लुट किया जा रहा है। उसका पता चल जाएगा ।
इन पर कब चलेगा विष्णु का सुदर्शन
छत्तीसगढ़ सरकार एक तरफ अपने एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर सुशासन दिवस मनाया जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ उनके खून पसीना की कमाई में खुलेआम काटा मारी किया जा रहा है जिस पर किसान मजबूर दिखाई दे रहे है। सरकारी तंत्र भी कोरम पूर्ति करने में भिंडा हुआ है । इसे भ्रष्ट अधिकारी पर विष्णु का सुदर्शन चक्र कब चलेगा । जिससे किसानों के कमाई से काटा मारी को रोक कर उनके अधिकार का हनन होने से बचाया जा सके