कवर्धा , ग्रामीण विकास मंत्रालय गांवों की गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित करने और इन समूहों को तब तक लगातार पोषण और मदद देने के उद्देश्य से पूरे देश में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) लाग किया गया है जबतक समय के साथ उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि न हो जाए और वे अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके घोर गरीबी से बाहर न आ जाएं लेकिन कबीरधाम जिले में योजना के उद्देश्य को ही बदल दिया गया है समूह की महिलाओं को कर्ज में दबा दिया गया और पी आर पी एवं बी पी एम फर्जी दस्तावेज तैयार कर राशि गटक लिया है। जो जांच की विषय है।
लखपति के बजाए कर्ज में डूब रही हैं दीदीया
कबीरधाम जिले में चार विकासखंड है और चारों विकास खंड में महिला समूह के दीदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रीपा बनाया गया है। जहां पर भवन , सड़क, बिजली, पानी और उद्योग की स्थापना किया गया है जिसमें करोड़ो रुपए व्यय किया गया है। उद्योग लगाने के नाम पर पर महिला स्व सहायता समूह के दीदियों को लाखों रुपए का ऋण दिया गया है और आज ऋण की अदायगी नहीं हुआ जिसके चलते दीदियों के ओर कर्ज हो गया लेकिन इस कार्य को सफल बनाने में जो लोग भिड़े थे उन लोग लखपति और करोड़ पति बन गए । मामला सबसे ज्यादा सहसपुर लोहारा के कलस्टर बाजार चारभाटा और बीडोरा में गड़बड़ है जहां के पी आर पी और बी पी एम ने तो हद ही कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार समूह के दीदियों के प्रशिक्षण सहित अन्य राशि को ढाकर लिए है।
विकाश के बजाए विनाश की ओर
महिला समूह की दीदी आत्मनिर्भर होने के बजाए और गड्ढे में जा रहे है । रीपा में जो भी उद्योग लगाए गए है जिसकी स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध हैं । रीपा में दोना पत्तल, दाल मिल, मसाला उद्योग, पानी पाउच , गुड उद्योग , गोबर से पेंट बनाने जैसे दैनिक उपयोग की सामग्री का ही उद्योग लगाया है। सरकार का नीयत लोगो को आत्मनिर्भर बनाने का था लेकिन स्थानीय पी आर पी और बी पी एम ने ऐसा नहीं होने दिया। सहसपुर लोहारा विकासखंड के कलस्टर बीडोरा के रीपा एवं बाजार चारभाटा के कलस्टर जिले में भ्रष्टाचार का उदाहरण बन गया है।
मुख्यालय से दूरी बना लिए है जिम्मेदार
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(एनआरएलएम) में कार्य करने के लिए जिला, विकासखंड मुख्यालय में अलग अलग स्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति किया गया है जो नीचे मतलब कलस्टर स्तर के कर्मचारियों के कार्यों का मूल्यांकन करे लेकिन ऐसा नहीं हो रहा जिसके चलते योजना का बंटाधार हो गया ।
पीआरपी अपने मुख्यालय में निवास करने के बजाए ब्लाक और जिला मुख्यालय में निवास करते है जबकि मुख्यालय में रहकर समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर राशि आहरण
मिली जानकारी अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) सहसपुर लोहारा विकासखंड के कलस्टर बीडोरा और बाजार चारभाटा में कलस्टर स्तर आयोजित होने वाले वार्षिक सम्मेलन और लखपति दीदी कार्यक्रम का आयोजन किए बगैर फर्जी दस्तावेज तैयार कर राशि का आहरण कर लिया है जिसमें पी आर पी और बीपीएम की भूमिका संदेह की दायरे में आता है जो जांच का विषय है।
जांच की आवश्यकता
जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)योजना का सफल संचालन करने के उद्देश्य से बनाए गए कलस्टर प्रभारी और अन्य जिम्मेदार लोगो के द्वारा योजना के उद्देश्य को ही कुछ राशि कमाने के चक्कर में बदल दिए है । इनके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर राशि का आहरण करते है । महिला समूह की महिलाओं को सही तरीके से प्रशिक्षण नहीं देना जिसके चलते करोड़ो रुपए का रीपा कबाड़ में दबदिल हो रहा है और समूह की महिलाओं को लखपति बनाने के बजाए बजाए कर्ज में डुबाने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ जांच करने की आवश्यकता है। जांच में तरह तरह की गड़बड़ियां उजागर होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
स्थानांतरण के बावजूद अबतक कार्यमुक्त नही
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) सहसपुर लोहारा विकासखंड के कलस्टर बीडोरा के पी आर पी का स्थानांतरण पूर्व में विकासखंड पंडरिया के कुंडा कलस्टर में हुआ था लेकिन आजतक उसे कार्यमुक्त नही किया गया है। मिली जानकारी अनुसार उसका स्थानांतरण कार्य में लापरवाही के कारण हुआ था। कार्यमुक्त नही होने से हौसला बुलंद हो गया और अनियमितता को बढ़ावा दिया जा रहा है। पी आर पी और बी पी एम को अन्यत्र हटकर उनके द्वारा किए गए अनियमितता की जांच करने की आवश्यकता है।