कवर्धा , एकीकृत बाल विकास परियोजना तरेगांव जंगल के सेक्टर मुख्यालय दलदली का क्षेत्र पहाड़ी और जंगली है जहां पर 34 आंगनवाड़ी केंद्र है । सेक्टर पर्यवेक्षक उच्च कार्यालय से प्राप्त दिशा निर्देश को आंगनवाड़ी केंद्रों में क्रियान्वयन करने और केंद्र की जानकारी को एकत्रित कर उच्च कार्यालय को अवगत कराने के लिए प्रतिमाह मासिक बैठक आयोजित करती हैं। उक्त आयोजन को सेक्टर मुख्यालय या कार्यकर्ताओं को सुविधा की दृष्टि से स्थल चयन कर किया जाता हैं लेकिन पर्यवेक्षक की मनमानी के चलते अपनी सुविधा का ख्याल रखते हुए परियोजना मुख्यालय तरेगांव में रखती हैं। उक्त जानकारी पर्यवेक्षक के वास्तविक दौरा कार्यक्रम से मिली है ।
कार्यकर्ताओं को बैठक के लिए 90 किलोमीटर की सफर
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र संचालन से संबंधित जानकारी और केंद्र की गतिविधियों को एकत्रित कर उच्च कार्यालय को प्रेषित करने के लिए माह के अंतिम सप्ताह में मासिक बैठक आयोजित किया जाता हैं जिसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तरेगांव आना पड़ता हैं जो दलदली से काफी दूर हैं और फिर तरेगांव जाना पड़ता हैं । पर्यवेक्षक के वास्तविक दौरा के अनुसार दलदली से हड़ही 30 किलोमीटर ,बाघमुड़ा 27 किलोमीटर , कोइलरी 25 किलोमीटर , चेंद्रदादर 28 किलोमीटर पंडरीपानी 20 किलोमीटर , धनवाही 30 किलोमीटर है फिर लगभग 15 किलोमीटर तरेगांव मतलब धनवाही के कार्यकर्ता को आने जाने का 90 किलोमीटर , हड़ही के कार्यकर्ता को भी 90 किलोमीटर का जंगल -पहाड़ की सफर तय करना पड़ता हैं । ऐसा नहीं कि यह मासिक बैठक अलग अलग स्थान पर आयोजित हो बल्कि 29 मई , 27 जून , 29 जुलाई , 7 नवंबर 7 दिसंबर 2024 सहित अन्य तिथियों को प्रतिमाह आयोजित किया गया था।
दौरा में हेराफेरी की आशंका
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी अनुसार सेक्टर दलदली के पर्यवेक्षक द्वारा प्रस्तुत अग्रिम और वास्तविक दौरा में काफी अंतर दिखाई देता हैं। पर्यवेक्षक द्वारा महीना भर का अग्रिम दौरा कार्यक्रम से संबंधित जानकारी तिथि वार कार्यालय में जमा करना होता है जिससे उच्चाधिकारी को जानकारी रहता है कि अधीनस्थ सेक्टर पर्यवेक्षक कहां पर ड्यूटी में तैनात है लेकिन दलदली के पर्यवेक्षक द्वारा जमा अग्रिम दौरा कार्यक्रम माह मई , जून ,जुलाई सहित एक भी तिथि को अग्रिम और वास्तविक दौरा में उपस्थित नहीं हुई है। सभी तिथि अलग अलग है जिससे साबित होता हैं कि उक्त दौरा कार्यक्रम फर्जी तरीके से तैयार किया गया है ।
भत्ता लेने दूरी में गड़बड़ी
सेक्टर पर्यवेक्षक दलदली द्वारा प्रतिमाह केंद्र निरीक्षण के लिए की गई दौरा में अलग अलग दूरी अंकित किया गया है साथ ही एक ही गांव के अलग अलग केंद्रों में अलग अलग दिन का दौरा प्रदर्शित किया है । कुकरापानी में दो आंगनवाड़ी केंद्र है जहां पर दिसंबर माह में केंद्र क्रमांक 01 में 13 दिसंबर को और केंद्र क्रमांक 02 में 11 दिसंबर को दौरा में गई थी । केंद्र क्रमांक 02 का दूरी 26किमी और केंद्र क्रमांक 01 का 22 किमी ,08 अक्टूबर को कुकरापानी केंद्र क्रमांक 01 को 20 किलोमीटर , 09 सितंबर को कुकरापानी केंद्र क्रमांक 02 को 23 किमी की वास्तविक दौरा में अंकित किया है इसी प्रकार 27 जून को समीक्षा बैठक में कवर्धा का दूरी 60 किमी , 20 जुलाई को 67 किमी, 28 अगस्त को 65 किमी , 20 नवंबर को 75 किमी अंकित किया है । अपने पर्यवेक्षीय कार्य हेतु केंद्र निरीक्षण में वास्तविक दौरा में प्रतिमाह अलग अलग दूरी तय करना अंकित किया है। सबसे गौर करने वाली बात यह है कि सारे दौरा कार्यक्रम स्कूटी से की है ये अंकित किया है जबकि कवर्धा बैठक में परियोजना कार्यालय को आबंटित सरकारी वाहन से आना जाना होता हैं ।
जांच की आवश्यकता सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा प्रस्तुत किया गया वास्तविक दौरा और दौरा के दौरान आंगनवाड़ी केंद्र में लिखे गए निरीक्षण ट्रिप की मिलान करने से भारी गड़बड़ी मिलने की संभावना है। पर्यवेक्षक स्वयं मुख्यालय से दूर निवास करती है और स्कूटी में दौरा करती है यह केवल कागज़ी घोड़ा दिखाई देता हैं। यदि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए अग्रिम – वास्तविक दौरा और अंकित किए गए दूरी की जांच करने से भारी मात्रा में गड़बड़ियां उजागर होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए उच्च स्तरीय टीम गठित कर जांच करा कर कार्यवाही करने की जरूरत है।