कवर्धा , कबीरधाम जिला का सीमा मध्यप्रदेश की जुड़ा हुआ है। जहा पर मध्यप्रदेश से अवैध शराब माफियाओं के द्वारा खपाई जा रही है। जिसकी जानकारी जिम्मेदार को है लेकिन अनजान की तरह मूकदर्शक बन कर देख रहे है । इस तरह से कार्य करने से अधिकारी जिले का राजस्व वसूली में कमी तो रहा है साथ ही नशे के अवैध कारोबार को बढ़ावा भी मिल रहा है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन न करते हुए व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने में कामयाब हो रहा है । चिल्फी, झलमला, तरेगांव और दलदली क्षेत्र में शराब की दुकान ही नहीं है फिर भी आसानी से शराब मिल जाता है ।
अवैध शराब परिवहन पर अंकुश नहीं
कवर्धा विधानसभा के विधायक विजय शर्मा केवल विधायक ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के उप मुख्यमंत्री भी है साथ ही गृह , जेल और पंचायत,ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी है। उन्ही के निर्वाचन क्षेत्र में अन्य राज्यों की शराब खपाई और बेची जा रही है जो निंदनीय है । उप मुख्यमंत्री ने अवैध कारोबार को रोकने का निर्देश भी दिए हैं। निर्देश का पालन करते हुए पुलिसिया कार्रवाई छूट पुट हो रहा है जिसमे केवल छत्तीसगढ में संचालित दुकानों से खरीदी करने वाले लोगों पर ही कार्यवाही किया जा रहा है जबकि उन्हें भी मालूम है कि किस जगह पर और कौन व्यक्ति विशेष के द्वारा इस तरह की नशे की कारोबार किया जा रहा है। जिनका शराब मध्य प्रदेश से आता है ।
क्षेत्र में एक भी दुकान नही बावजूद धड़ल्ले से बिक्री
कबीरधाम जिला के चिल्फी , झलमला , तरेगाव , दलदली सहित वनांचल क्षेत्र में एक भी शराब की सरकारी दुकान नही है बावजूद होटल ढाबों में शराब परोसी जा रही है साथ ही इन क्षेत्रों में देशी और विदेशी शराब खुलेआम पीते देखे जा सकते हैं। आखिर इस प्रकार के अवैध कारोबार बिना सरकारी महकमे के मिलीभगत के बगैर कैसे संभव हो पाएगा ।यह सोचनीय और निंदनीय है । ऐसा नहीं की जिम्मेदार को इसकी जानकारी नहीं है। जिम्मेदार आधिकारी कर्मचारियों को इनकी ठिकानों की पूरी जानकारी है ।क्षेत्र में वैध सरकारी शराब दुकान नही होने के कारण शौकीन सरकारी महकमे भी इन्ही से खरीद कर पीते है ।
कार्यवाही करने से भयभीत अधिकारी
आबकारी विभाग कार्यवाही करने से डरती है। वर्तमान में केवल शराब पर कार्यवाही पुलिस विभाग के द्वारा किया जा रहा है।जिसकी खबर मीडिया में विभागीय अधिकारी दे रहे हैं जबकि आबकारी विभाग भी कोई कार्यवाही करते तो वो भी जारी करते । आबकारी विभाग तो डर के मारे चिल्फी क्षेत्र के गावो में अन्य राज्य की अवैध शराब माफियाओं पर कार्यवाही करने नही जाती जबकि उनको पता है कि किस जगह पर कार्यवाही करने की जरूरत है ।गत वर्ष आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में चिल्फी क्षेत्र से एक अवैध शराब विक्रेता के शक में एक संरक्षित जनजाति के बैगा को पकड़ कर लाए थे जिन्होंने आत्म हत्या कर लिया था। जो काफी चर्चा में रहा।
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