कवर्धा – कबीरधाम जिले के पंडरिया और बोड़ला विकासखण्ड में बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं , जिनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनमन योजना का शुरुआत किया है। जिसके तहत शुद्ध पेयजल , शिक्षा , स्वास्थ्य, बिजली , सड़क और आवास जैसे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मंशा है। कबीरधाम जिले में जैसे ही बैगा जनजातीय के लोगों के लिए आवास की स्वीकृति मिली और उनके खाते में धनराशि जमा हुआ वैसे ही दलाल और कुछ पंचायतों के सरपंच ठेकेदार बन गए। बैगा जनजाति के बैंक खाते से राशि आहरण कराकर अपने जेब में डाल लिए । आवास निर्माण के नाम पर बैगाओं से ठगी करना शुरू कर दिया। मामला बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सिंघारी सहित कई जगहों का है। जिसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी है, बावजूद इस पर कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। सरपंच का कार्यकाल गिनती के दिनों का बचा हुआ है, ऐसे में बैगा जनजाति के लोगों का आवास नहीं बन पाएगा।
प्रधानमंत्री के सपना को दिखा रहे हैं आईना
बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सिंघारी में निवास करने वाले बैगा समुदाय के लोगों के लिए भी जनमन योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति शासन से प्राप्त हुआ है । प्रधानमंत्री आवास योजना हितग्राही मूलक कार्य हैं। जिसके चलते आवास निर्माण की राशि हितग्राहियों के बैंक खाता में जमा होता है । जैसे ही बैगाओं के बैंक खाता में राशि जमा हुआ वैसे ही ग्राम पंचायत सिंघारी के सरपंच ने बैगाओं के पास जाकर उनके आवास बनाने का ठेका ले लिया, जबकि सरपंच को पता है कि जनमन योजना में हितग्राहियों को अपने पसंद से ही निर्माण कार्य करना है। योजना का शुरुआत 15 नवंबर 2023 को हुआ था । संभवतः दिसंबर 2023 में धनराशि जमा हो गया था, लेकिन अबतक निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं किया गया है ।
धौराटोला ग्राम पंचायत सिंघारी का टोला है, बैगा जनजाति के नाम पर आवास की राशि स्वीकृत हुआ है , जिस राशि को सरपंच ने आवास बनाने के नाम पर बैंक से आहरण कराकर अपने पास रखा है, बदले में कालम के लिए नींव की खुदाई, आधा ट्रेक्टर स्थानीय नदी का अवैध रेत, आधा ट्रेक्टर गिट्टी और लगभग एक हजार ईट मौके पर रखा हुआ। वन विकास निगम की आपत्ति का निराकरण होने के बाद पूर्ण करने का आश्वासन दिया जा रहा है हितग्राही मानसिंह , थानसिंह चिंतित है ।
कैसे बनेगा जनजाति समुदाय के लोगों आवास
कबीरधाम जिले के बैगाओं का आवास पूर्व में भी आया था, जिसको अन्य राज्य सहित स्थानीय लोगों ने ठेके पर लिए थे। जो आजतक पूर्ण नहीं हुआ । जिसकी जानकारी जिला प्रशासन को है । कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी हुआ था , बावजूद अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुआ है। फिर जनमन योजना के तहत आवास आया है, फिर ठेकेदार हावी हो गए और आवास की राशि को लेकर गायब हो रहे है। फिर बहाना बनाकर टाल मटोल कर रहे हैं। जिसकी भी जानकारी सभी जिम्मेदारों को है।
हितग्राहियों से स्टाम्प पेपर में लिखवाया आवास निर्माण के लिए दबाव
जनमन योजना के तहत स्वीकृत प्रधानमंत्री के निर्माण के संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि हितग्राही का आवास को पूर्ण करने का ठेका लिया हूं और उसे पूरा तैयार करने का जिम्मेदारी मेरा है । हितग्राहियों से स्टांप पेपर में लिखित समझौता भी हुआ है। जिसकी जानकारी जनपद पंचायत बोड़ला में दे दिया हूं, उसके बाद निमार्ण करने के लिए मुझे निर्देशित किया गया है। जिस जगह पर आवास का निर्माण करना है, उक्त भूमि वन विकास निगम के क्षेत्र में आता है। जिसके चलते रोक लगा हुआ है। जैसे ही रोक हटेगा तत्काल बना दूंगा । अब यहां पर बड़ा सवाल यह है कि सरपंच का कार्यकाल गिनती के दिनों का है। ऐसे स्थिति में भवन निर्माण कैसे पूर्ण होगा । मिली जानकारी अनुसार उक्त सरपंच के ऊपर आर्थिक अनियमितता का मामला अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला के न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे गंभीर मामले में फिर जनमन योजना की आवास निर्माण के लिए वह भी स्टाम्प पेपर में अनुबंध आधारित भ्रष्टाचार हो रहा है। जिला प्रशासन को इस मामले में कठोर कार्रवाई करना चाहिए ताकि कोई भी सरपंच या दलाल, ठेकेदार बैगा जनजाति का शोषण न कर सके।