कवर्धा , छत्तीसगढ़ सरकार का एक साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर सुशासन दिवस मनाया जा रहा है । 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता स्व अटल बिहारी वाजपेई का जन्मदिन है जिसके चलते सभी ग्राम पंचायतों में बनाए गए चबूतरा के समीप विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा । देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पुण्य स्मृति को संजोने के लिए भाजपा शासन काल में जिले के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अटल चौक वर्तमान स्थिति में जीर्णशीर्ण हो गए हो चुके हैं। एक बार फिर से राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद अटल चौक की सुध ली जा रही है, वहीं कई स्थानों पर रंग-रोगन का प्रयास भी शुरू कर दिया गया है।
जयंती पर याद आ रहे है अटल चौक
जिले के चारों ब्लाॅक कवर्धा , बोड़ला, सहसपुर लोहारा व पंडरिया में अटल चौक का निर्माण किया गया है । गांव के प्रमुख स्थान पर चौक का निर्माण होने से लोग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हैं। लंबे समय तक देखरेख नहीं होने से यह अटल चबूतरे अटल चौक टूटने लगे तो कहीं जर्जर होने लगे। लंबे समय तक इसकी देखरेख नहीं हो रही थी। इस बार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है। एक बार फिर से अटल चौक की सुध ली जा रही है। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती है और उस दिन को सरकारी क्षेत्र में पूरा देश सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाना है और विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
चबूतरा के आसपास गंदगी का आलम
ग्राम पंचायत मुख्यालयों में भाजपा शासन के कार्यकाल में अटल चौक का निर्माण कर अटल स्तंभ बनाया गया था जो उचित रखरखाव नहीं होने से आज उपेक्षित है। अटल स्तंभ का उपयोग मात्र 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर होता है। ग्राम पंचायत के पास बड़ा स्वच्छता अमला होने के बावजूद अटल स्तंभ के आसपास कचरे का ढेर है। कई जगहों पर पान ठेला और चाय की दुकानें भी संचालित है , इसके ऊपर बैठकर लोग गुटखा खाते रहते हैं। ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि साफ सफाई किया जाए लेकिन यह महज एक दिन के लिए ही है।
भाजपा सरकार के समय बने थे अटल चौक
2003 में प्रदेश में डाॅ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के सम्मान में ग्राम पंचायतों में अटल चौक का निर्माण 2004-2005 में शुरू किया गया था। इसके बाद लगातार पांच साल चरणबद्ध रूप से अटल चौक का निर्माण जारी रहा। रखरखाव के अभाव में अटल चौक के स्तंभ धराशायी अथवा खंडहर हो गए। नई सरकार बनने के बाद अब अटल चौक का गौरव दोबारा स्थापित करने में पंचायतें लग गई हैं अभी भी कुछ नवीन ग्राम पंचायत में बनना बाकी है। रख रखाव के अभाव में बड़े बड़े पंचायतों में तो चबूतरा ही गायब हो गए है।