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कुल्लूपानी जंगल में सागौन की अनवरत कटाई जारी , जिम्मेदार अनजान

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कवर्धा , वन विकास निगम का गठन वनों का संपूर्ण विकास करने के लिए किया गया है उसी के अनुरूप विभाग का नाम भी रखा गया है लेकिन वन विकास निगम के जिम्मेदारों ने वनों के विकास पर ध्यान तो दे रहे है परंतु जितना देना चाहिए उतना नहीं दे पा रहे है जिसके चलते वन माफियाओं के द्वारा हरे भरे सागौन की पेड़ो की कटाई लगातार कर रहे है जिसे रोक पाने में निगम कर्मचारियों सक्षम नजर नही आ रहे जिसके चलते जंगलों में ताजा ठूठ दिखाई दे रहा है । निगम कर्मचारियों के द्वारा वन माफियाओं के ऊपर कार्यवाही करना तो दूर जो पेड़ कटे है उस पर हेमबर भी नही लगा पाए है जिससे साबित होता है कि निगम अधिकारी कर्मचारियों ने जंगल को वन माफियाओं के लिए खुला छोड़ दिए है कहना कोई गलत नही होगा । जिसका ताजा उदाहरण कक्ष क्रमांक 1420 बंदौरा कुल्लूपानी के जंगल है ।
निगम कर्मचारियों को लगा शहरीकरण की हवा
पंडरिया शहर से मात्र चार पांच किलोमीटर दूरी से वन विकास निगम का कार्यक्षेत्र लग जाता है लेकिन निगम कर्मचारियों ने अपने बिट का देखरेख ठीक से नही कर रहे है जिसके चलते हरे भरे इमारती सागौन के पेड़ो की अंधाधुन कटाई जारी है । निगम के जिम्मेदारों ने मोटर साईकिल और कार से जंगल के सड़को पर घूमकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे है ।जिसका बेजा लाभ वन माफियाओं के द्वारा उठाया जा रहा है ।
नियमित निरीक्षण की कमी
बंदौरा के अंदर से कुल्लूपनी जाने वाले रास्ते में सागौन के बहुत से प्लांट है जिसमे कई तरह से सागौन की पेड़ बहुतायत मात्रा में है । बंदौरा से जैसे जैसे अंदर जंगल में घुसने से तरह तरह के सागौन पेड़ो की ठूठ और तस्करो से छोड़े हुए सागौन पेड़ के अवशेष जंगल में बिखरे दिखाई देने लगते है । वन सुरक्षा में लगे जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करते तो हरे भरे इमारती सागौन पेड़ो की कटाई नही होता ।
कठोर कार्यवाही की आवश्यकता
जिले में वन विकास निगम में कोई मजबूत अधिकारी नही है जो अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्हाल सके । जिसके चलते अधिनस्त बेलगाम हो गए है । अधिकारी न तो अपने अधीनस्थ को सम्हाल पा रहे हैं न ही जंगल को साथ ही आजतक कोई माफियाओं पर कार्यवाही हुई है । कार्यवाही के आभाव में वन माफिया बेधड़क जंगलों की सफाया करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है ।
कक्ष क्रमांक 1420पर अध्यधिक कटाई
पंडरिया क्षेत्र तो जंगल की कटाई के लिए मशहूर है ही । जंगल के समीप कुछ व्यक्तियों ने कृषि कार्य के लिए काम में लगे थे उनसे चर्चा करने पर बताए कि रेंजर आकाश कश्यप, गणेश चंद्रवंशी डिप्टीरेजर और कोई मैरावी करके बिट गार्ड आया है जिनके द्वारा वन की तरफ कभी दिखाई ही नही देते । यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में हरे भरे सागौन की पेड़ो की कटाई होता है ।

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