कवर्धा , पंडरिया विकासखंड के ग्राम कामठी में नवरात्रि पर मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करने से रोकने के लिए एक पक्ष ने मंदिर परिसर के गेट पर ताला जड़ दिया। नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार को सुबह 7 बजे महिलाएं पूजा करने पहुंचीं तो गेट बंद था। इस पर स्थानीय ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। सूचना पर कुकदूर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।
तत्काल कामठी पहुंचे एसडीएम और एसडीओपी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पंडरिया एसडीएम संदीप ठाकुर व एसडीओपी पंकज पटेल भी आए। पुलिस ने दोनों पक्षों को बैठाकर सुलह कराई। तब कहीं जाकर दोपहर 2 बजे के बाद मंदिर का ताला खुला। दरअसल, कामठी गांव में प्राचीन मंदिर मौजूद है। यहां देवी-देवताओं के अलावा समाज विशेष के पूजा स्थल भी हैं। नवरात्रि पर गांव के सर्व समाज के लोग मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना करना चाहते थे। लेकिन एक पक्ष ने मूर्ति स्थापना से रोकने मंदिर गेट पर ताला लगा दिया। इसी बात को लेकर विवाद खड़े हुआ। दोनों पक्षों में सुलह के बाद गुरुवार दोपहर पुलिस ने खुद मंदिर के गेट को खोला। मंदिर परिसर में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना करने पंडाल भी बनना शुरू हो गया है। विवाद के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। पंडरिया एसडीओपी पंकज पटेल ने बताया कि अभी मंदिर जिनकी देखरेख में है, वे बाहर मूर्ति स्थापना करने बोल रहे थे। पंडरिया राजमहल से प्रतिनिधि आए थे, उन्होंनेमामले में मध्यस्थता की। मंदिर परिसर में दुर्गा प्रतिमा स्थापना को लेकर सहमति बन गई। मूर्ति स्थापना की तैयारी कर रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक कामठी गांव का इतिहास कई शतक पुराना है। यह कामठी गढ़ 481 साल पहले पंडरिया रियासत की राजधानी हुआ करती थी। कामठी में विशाल आकार का जलहरि शिवलिंग, हनुमान और नरसिंह (हाथी पर आक्रमण करते शेर) की प्रतिमा, पत्थरों पर उत्कीर्ण मोहक आकृतियां वाला मंदिर मौजूद है। यही नहीं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश की आकृतिनुमा त्रिमूर्ति भी स्थापित है। इसके प्रति यहां के लोगों में अगाध श्रद्धा है।