कवर्धा , कबीरधाम वनमंडल में बीते पांच वर्षों में भारी अनियमितता बरती गई है । पांच वर्षों में वन विभाग वनों की रक्षा ,सुरक्षा करने में नाकाम रही हैं लगातार वनों की रकबा में कमी हुई है अवैध पेड़ो की कटाई और अतिक्रम हुआ है। जिसका मुख्य वजह है कि विभाग अपने मूल कार्यों को छोड़कर निर्माण कार्यों पर ध्यान दिया है और भारी भरकम गड़बड़ियां किया है। कोई भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता दिखाई नहीं देता। जंगल के भीतर जहां आवाजाही नहीं के बराबर होता हैं वहां पर विभाग डब्ल्यू , बी,एम सड़क बनाया है जो पहली बरसात में धराशाई हुई, भारी मात्रा में तालाब बनाया गया जिसमें मार्च के बाद बूंद भर पानी नहीं रहता । पौधा तैयार करने ग्रीन हाउस फैन पैड के साथ (इवापोरेटिव) कुलिंग सिस्टम का निर्माण कराया गया जो महज छः माह धराशाई हो गया। यदि इन कार्यों का विशेषज्ञों की टीम गठित कर जांच की जाए तो करोड़ो रुपए की गड़बड़ियां उजागर होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
नाक के नीचे गड़बड़ी
नाक के नीचे गड़बड़ी वाली मुहावरा को कवर्धा वन मंडल ने सच साबित कर दिया है। कवर्धा शहर से छटा हुआ विभागीय नर्सरी में ग्रीन हाउस फैन पैड के साथ (इवापोरेटिव) कुलिंग सिस्टम – क्षेत्र-329 स्क्वेर मीटर का निर्माण किया है। जिसका निर्माण अप्रैल महीना में किया और बरसात के पहले आए आंधी तूफान में ही धराशाई हो गया । विभागीय अधिकारी और जिम्मेदार कर्मचारियों ने उसका उपयोग करना तो दूर उसको आज तक झांकने नहीं गए । उक्त नर्सरी में विभागीय विश्राम गृह है जहां पर विभाग के छोटे और बड़े अधिकारियों का आना जाना लगा रहता हैं बावजूद उस पर ध्यान नहीं देना तरह तरह की आशंकाओं को जन्म देता है। जो जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है।
चाहते कर्मचारियों को दिया रेंज का प्रभार
विगत पांच वर्षों में रेंज अफसर को लूप लाइन में रखते हुए डिप्टी रेंजर को कवर्धा वन परिक्षेत्र अधिकारी का प्रभार दिया गया जबकि वन मंडल में पदस्थ रेंज अफसर को लूप लाइन में रखा है जिसका मुख्य वजह निर्माण कार्यों के पीछे गड़बड़ी कराना ही था । डिप्टी रेंजर को प्रभार मिलने और उच्च अधिकारी का संरक्षण प्राप्त होने के कारण निर्माण कार्यों में भारी गड़बड़ी किया है जिसके चलते निर्माण के कुछ ही महीने में खराब और अनुपयोगी होते दिखाई देते है जिसकी जांच की आवश्यकता है।
प्रभारी रेंज अफसर अगले सप्ताह होंगे रिटायर्ड
कवर्धा परिक्षेत्र अधिकारी के पद पदस्थ डिप्टी रेंजर इसी सप्ताह यानि 30 नवंबर को रिटायर्ड होने वाले है । जिसके चलते चला चली के समय में भारी गड़बड़ियां किया है । उनको संरक्षण देने वाले अधिकारी भी स्थानांतरित हो चुके है साथ ही प्रदेश में सरकार भी बदल चुका हैं बावजूद इनके द्वारा किए की अनियमितता की जांच नहीं होना विभागीय संरक्षण की आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
लाखो का शेड में कोई उपयोगिता नहीं
शहर के लगा हुआ विभागीय नर्सरी में ग्रीन हाउस फैन पैड के साथ (इवापोरेटिव) कुलिंग सिस्टम – क्षेत्र-329 स्क्वेर मीटर अप्रैल 22 बनाया गया है जिसे 21 मई 2022 को विभाग हो हैंडओवर भी किया जा चुका हैं उक्त निर्माण को देखने से अभी भी अधूरा दिखाई देता हैं लेकिन विभागीय संरक्षण के चलते पूर्ण भुगतान भी किया जा चुका हैं। निर्माण अधूरा होने के कारण आजतक उसका कोई उपयोगिता नहीं हुआ है।
टीम बनाकर जांच करने आवश्यकता
वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को वन , वन्य जीवों को संरक्षित, सुरक्षित रखने की अनुभव होता हैं। उन्हें निर्माण कार्य से संबंधित तकनीकी जानकारी नहीं होता बावजूद लाखो करोड़ो रुपए की निर्माण कार्यों का मूल्यांकन और सत्यापन कर भुगतान कर दिया जाता है। जो महज कुछ दिनों में खराब हो जाता हैं । विभागीय नर्सरी लालपुर में अप्रैल 2022 में ग्रीन हाउस फैन पैड के साथ (इवापोरेटिव) कुलिंग सिस्टम और नेचुरली वेंटीलेटेड शेडनेट हाउस का निर्माण कराया गया है जो महज कुछ दिनों में खराब हो गया है जिसका उद्यानिकी, कृषि और अन्य जानकर विभाग की टीम गठित कर जांच कराने की आवश्यकता है जिससे उसमें हुई गड़बड़ी और जिम्मेदार के ऊपर कार्यवाही तय किया जा सके ।