BP NEWS CG
Breaking Newsकवर्धाबड़ी खबरसमाचारसिटी न्यूज़

बाल विवाह मुक्त भारत पर कार्यक्रम : केंद्र सरकार के अभियान को कृषक सहयोग संस्थान ने दिया समर्थन

Flex 10x20 new_1
IMG-20250125-WA0007
IMG-20250125-WA0008
IMG-20250125-WA0009
IMG-20250125-WA0010
IMG_20250125_213424
IMG_20250125_213441
IMG_20250125_213455
IMG-20250126-WA0008
IMG-20250127-WA0007
IMG_20241217_222130
previous arrow
next arrow
बाल विवाह के खिलाफ दिलाई गई शपथ
बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम – कृषक सहयोग संस्थान 
कवर्धा। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का समर्थन करते हुए कृषक सहयोग संस्थान कबीरधाम के द्वारा स्वामी आत्मानंद विद्यालय में जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ एचबी सेन के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम में बाल विवाह प्रथा को खत्म करने एवं उसे रोकने ओर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शपथ लिया गया। बाल विवाह के थीम पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी कला का प्रदर्शन रंगोली, स्लोगन एवं भाषण के माध्यम से किया। इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों में उत्साह और आत्मविश्वास देखने को मिला। कृषक सहयोग संस्थान के आशु चंद्रवंशी ने बताया कि यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत के आह्वान के समर्थन में किया गया। जिसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया। इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया है।बाल विवाह के खिलाफ इस राष्ट्रव्यापी अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने भी कहा है कि हम बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाने के लिए सरकार के आभारी हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि यह देश से बाल विवाह की सदियों पुरानी कुप्रथा के अंत की शुरुआत है। अभियान के लक्ष्यों के साथ एकरूपता में जेआरसी के सहयोगी संगठन बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं।कृषक सहयोग संस्थान के आशु चंद्रवंशी ने आगे बताया कि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया यह अभियान हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित, उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम है। बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए सबसे बड़े गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी होने के नाते हम विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे की दिशा में काम करते रहेंगे।बाल विवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में जेआरसी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसमें माननीय न्यायालय ने बाल विवाह को समाप्त करने के लिए राज्यों और सभी हितधारकों के लिए एक विस्तृत कार्य योजना और रोडमैप तैयार किया है।इस वर्ष की शुरुआत में, जेआरसी के हस्तक्षेप के कारण राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया, जिसमें पंचायतों को राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, खासकर अक्षय तृतीया के दौरान।बाल विवाह के खात्मे की लड़ाई में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान एक निर्णायक कदम है।बाल विवाह के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक लामबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए हम अपनी तरफ से पूरा सहयोग करेंगे।गठबंधन वर्ष 2030 तक बाल विवाह के खिलाफ टिपिंग प्वाइंट यानी निर्णायक बिंदु तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका हमारे संस्थापक भुवन ऋभु ने अपनी किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन: टिपिंग प्वाइंट टू इंट चाइल्ड मैरेज’ में विस्तृत खाका खींचा है।बाल विवाह के खिलाफ हमारा गठबंधन देश के 25 राज्यों के 416 जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहा है और हमने कबीरधाम जिले 50 गांव में लगातार बाल विवाह,बाल श्रम, ट्रैफिकिंग, यौन शोषण के खिलाफ़ जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे है,और आगे भी करते रहेंगे।न्यायाधीश राहुल कुमार ने कहा कि बाल विवाह में किसी भी तरह का सहयोग करने अथवा शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाती है। मामले में 2 वर्ष का कारावास व 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। सचिव ने छात्राओं को बाल विवाह अधिनियम और बाल विवाह को रोकने के तरीकों के बारे में बताया।आस्था समिति के अध्यक्ष दौलत राम कश्यप ने कहा कि बाल विवाह होने से स्त्री व पुरूष का शारीरिक व मानसिक विकास प्राकृतिक रूप से नहीं हो पाता है। बाल विवाह का सबसे बुरा प्रभाव महिलाओं पर होता है।बाल विवाह की रोकथाम के लिए कानूनी रास्ता सबसे अंत में उपयोग में लिया जाना चाहिए। सभी की कोशिश यह होनी चाहिए कि जन जागरूकता एवं समझाईश के माध्यम से इस सामाजिक कुरीति को जड़ से खत्म किया जाए।जिला महिला सेल प्रभारी विजया कैवर्त्य ने कहा कि समाज में विद्यमान अनेक सामाजिक कुरीतियों में से बाल-विवाह की रोकथाम के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पारित किया गया। जिसके तहत लड़के की 21 वर्ष एवं लड़की की 18 वर्ष आयु निर्धारित की गई है।बाल संरक्षण और चाइल्ड हेल्प लाइन से आए अधिकारियों ने भी जागरुक करते हुए बाल विवाह के कारण और रोकथाम को बताया।
कार्यक्रम में न्यायधीश एवं ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव राहुल कुमार,श्रम निरीक्षक सीआर नंदा, विजया कैवर्त्य महिला सेल प्रभारी, दौलतराम कश्यप अध्यक्ष आस्था समिति, आरएल बारले प्राचार्य स्वामी आत्मानंद विद्यालय कवर्धा, क्रान्ति साहू सरंक्षण अधिकारी, महेश निर्मलकर, राजाराम चंद्रवंशी, शारदा निर्मलकर, राजेश,रामानुज सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सहित विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Related posts

शनिवार को भी नामांकन फार्म जमा या खरीदा जा सकता हैं नहीं रहेगा छुट्टी 

Bhuvan Patel

अन्नपूर्णा और शक्ति स्वरूपा की अवतार है मां शाकम्भरी माता-उपमुख्यमंत्री

Bhuvan Patel

महबूब फाउंडेसन ने मनाया स्कूली बच्चों के साथ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती

Bhuvan Patel

Leave a Comment