कवर्धा , जल जंगल जमीन की रक्षा ,सुरक्षा को छोड़ जिले में बिना तकनीकी जानकारी के वन विभाग प्रतिवर्ष करोड़ो का निर्माण कार्य करा रहा है। जिसमें से 90 फीसदी कार्य अनुपयोगी और गुणवत्ता हीन दिखाई देता है । फारेस्ट गार्ड कार्यों का मूल्यांकन करता है । कबीरधाम जिले में भ्रष्टाचार करने में वन विभाग मशहूर हो गया है। चाहे निर्माण कार्य हो या फिर जंगल की सुरक्षा और रक्षा । लगातार वनों की क्षेत्रफल में कमी देखी जा रही है। बिना तकनीकी जानकारी के वृहद मात्रा में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जो समय से पहले खराब होता दिखाई देता हैं। रेंगाखार वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हनी के आश्रित ग्राम लहबर में बहने वाली छुईहा नाला में ग्राम पंचायत के तालाब को वन सुरक्षा समिति के माध्यम से गहरीकरण किया गया जिसमें लाखो रुपए व्यय किया गया । जो पहली बरसात में बह गया है जबकि ग्राम पंचायत बम्हनी पूर्व में उक्त तालाब पर दो बार खर्च कर चुका था ।
पहली बरसात में बहा तालाब
कबीरधाम वन मंडल के रेंगाखार वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हनी के आश्रित ग्राम लहबर में बहने वाली छुईहा नाला में वन विभाग पंचायत के तालाब में भ्रष्टाचार करते हुए लाखो रुपए व्यय का बिल वाउचर लगाकर राशि आहरण कर लिया जबकि पूर्व में ग्राम पंचायत बम्हनी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत दो बार राशि व्यय कर चुका हैं बावजूद गड़बड़ी करने की नीयत से वन सुरक्षा समिति को मोहरा बनाते हुए वन अफसर राशि आहरण कर लीपापोती कर दिया। जो पहली बरसात में ही बह गया। जानकारी मिलने के बावजूद सक्षम अधिकारी झांकने तक नहीं गया है जिससे साबित होता हैं कि सभी ने उक्त कार्य के धांधली में सहयोग किया है।
लाखो का व्यय लेकिन शौच के लिए पानी नहीं
मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत बम्हनी के आश्रित ग्राम लहबर में वन सुरक्षा समिति ने चौदह लाख अड़सठ हजार रुपए तीन तालाब में व्यय किया । तालाब और उसके स्थिति को देखने से लाखो के बजाए हजारों रुपए का ही व्यय दिखाई देता हैं। कुछ राशि व्यय कर बाकी राशि को ओहदे के अनुसार गटक लिया है जिसके चलते तालाब पहली बरसात में ही बह गया ।उक्त तालाब में पहले ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत दो बार राशि व्यय किया जा चुका था यह जानते हुए भ्रष्टाचार की नीयत से यह कार्य को कराया गया है। उक्त लाखो रुपए व्यय किए जाने के बावजूद बरसात समाप्त होती ही एक बूंद पानी नहीं है । तालाब निर्माण से किसी भी जीव जंतु को बूंद भर पानी नहीं मिल रहा है लेकिन जिम्मेदारियों के जेब में लाखो रुपए पहुंच गया ।
छुईहा नाला तालाब में दो बार पंचायत ने किया व्यय
प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त तालाब का निर्माण ग्राम पंचायत बम्हनी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत निर्माण कार्य पूर्ण किया। नियमानुसार तीन साल बाद गहरीकारण में फिर लाखो रुपए बहाया । जिस समय तालाब का निर्माण हुआ उसी साल तालाब बहा बावजूद ग्राम पंचायत बम्हनी ने पुनः गहरीकरण के लिए राशि स्वीकृत कर कार्य कराया फिर बरसात में बहा। ऐसा स्थिती को देखते और जानते हुए भ्रष्टाचार की नीयत से वन विभाग सुरक्षा समिति के माध्यम से खाना पूर्ति करते हुए राशि व्यय किया फिर पहली बरसात में बह गया ।
बारीकी जांच की आवश्यकता
छुईहा नाला में दो तालाब है दोनों तालाब की दूरी महज दो सौ मीटर ही है। उक्त नाला पर बने तालाब जब बार बार टूटकर बह जाता हैं ये सारी जानकारी होने के बावजूद विभाग सरकारी धन का दुरूपयोग करने में लगे हुए हैं। इसे अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है। छूईहा नाला पर बनाया गया तालाब महज एक छोटा कार्य है। उक्त छोटे से निर्माण कार्य की गड़बड़ी पर किसी प्रकार का कोई जांच नहीं हो पा रहा है तो बड़ी जांच की उम्मीद करना बेइमानी होगा ।