कवर्धा , स्थानीय चुनावों की बिगुल बज चुका हैं और आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी कर दिया गया है। आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होते ही एक से बढ़कर एक दागी और अपराधिक प्रवृति के लोग भी समाज सेवक बनकर उभरते दिखाई दे रहे हैं। कुछ अवसर वादी लोग अपना राजनीतिक भविष्य को देखते हुए घर -घर में भाई भाई को चुनाव मैदान में उतरने के लिए उकसाया जा रहा है जबकि उन्हें इस तरह के कार्य से कोई वास्ता नहीं है। छुटभैया नेता अपने आकाओं को इनसे मिलवाने में भी सफल हो रहे है। कौड़ी भर के लोग जो खुद के वोट पाने की काबिलियत नहीं रखते वो भी आज ताल ठोकते दिखाई दे रहे है ।
पांडातराई नपा अध्यक्ष ओ बी सी के लिए आरक्षित
नगरीय निकाय चुनाव में पांडातराई अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गया है। पिछड़ावर्ग के लिए आरक्षित होते ही बहुत से दावेदार किनारे हो गए । एक वोट नहीं पाने और दिलाने की हैसियत नहीं रखने वाले भी मजबूत दावेदार की दावेदारी करते दिखाई दे रहे थे लेकिन आरक्षण के चलते सबकी बोलती बंद हो गई है।
दावेदारों की लंबी कतार
नगरीय निकाय चुनाव 2025 के लिए पांडातराई में दावेदारों की लंबी कतार है कोई अपने पति तो कोई अपने परिवार के छवि को देखकर मैदान में उतरने वाली हैं तो कोई अपने खुद की छवि और कार्यशैली के आधार पर पार्टी से टिकट की जुगाड में लगे हुए है।
कांग्रेस से मजबूत दावेदार के रूप में सविता पाटस्कर , सरोज जायसवाल और विद्या साहू के परिवार को लोग टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से अजय गिरी गोस्वामी , सहदेव साहू, गिरवर साहु , देवाराम साहू , राम कुमार सोनी , तुलसी मल्लाह , खैरझिटी (पुराना) निवासी और हाल ही में नगर पंचायत में मतदाता सूची में नाम जुड़ने के कारण दिलेश्वरी जायसवाल के नामो की चर्चा जोरो पर है।
कांग्रेस और भाजपा को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश
पांडातराई निकाय चुनाव में पार्टियों को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। कांग्रेस यदि सविता पाटस्कर को अपना उम्मीदवार तय करता है तो भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत हो जाएगा । सविता पाटस्कर स्वास्थ्य विभाग से जुड़कर मितानिन के रूप में अपनी सेवाएं नगर में दे रही है जिसके चलते उनकी पकड़ मजबूत है साथ ही महिला मतदाताओं में पैठ भी है । पाटस्कर परिवार का नगरवासियों से संबंध भी बढ़िया है।