छत्तीसगढ: मीडिया संचार का एक बहुत ही ताकतवर और महत्वपूर्ण उपकरण है। वाक् और अभिव्यक्ति पर आधारित यह मंच आम जन की आवाज को दिशा प्रदान करने में अपनी अहम् भूमिका बनाये हुए है। मीडिया का कार्य संदेश को संचारित कर लोगों को सूचनाओं से अवगत करना है। किसी भी सूचना को उसी रूप में पहुंचाने के लिए प्रेस या मीडिया को स्वतंत्र होना बहुत ही आवश्यक है। यदि मीडिया स्वतंत्र नहीं होगा तो निष्पक्षता से मुद्दे उभर कर सामने नहीं आएंगे।
भारत के संविधान के बारे में बात करें तो संविधान में वाक् और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का मूल मंत्र ही मीडिया को स्वतंत्र बनाने में लक्ष्मण रेखा की भांति कार्य कर रहा है। प्रेस की स्वतंत्रता देश में लोकतंत्र की स्वतंत्रता से जुड़ी हुई है। किसी भी देश में सुशासन और व्यवस्थाओं को लोकहित में कारगर बनाए रखने के लिए स्वतंत्रता की आवश्यकता होती है। इस स्वतंत्रता से आशय किसी भी व्यक्ति को देश में मत प्रकट करने की स्वतंत्रता से है। मीडिया की स्वतंत्रता भी आम जन से जुड़ी हुई है क्योंकि मीडिया का मुख्य आयाम ही जनता की आवज को सरकार तक पहुंचाना है तथा जनता के हितों की रक्षा करना है। इस कार्य को निर्भयता पूर्वक करने के लिए मीडिया को स्वतंत्र होना आवश्यक है। भारत में मीडिया की स्वतंत्रता का मुख्य स्त्रोत संविधान में वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। प्रेस को मुक्त प्रेस की संज्ञा प्रदान करने में संविधान के द्वारा प्रदान किए गए मौलिक अधिकारों का मुख्य योगदान है।