कवर्धा , कबीरधाम वन मंडल में एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आता है । हमेशा सुर्खियों मे बना रहता है। वन विभाग अपने मूल कार्यों को छोड़ बाकी सभी कार्यों में आगे रहते है । जिसके चलते वन और वन्यप्राणी की संख्या लागतार कम हो रही है। प्रति वर्ष लाखो की संख्या में पौधा रोपण किया जाता है लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ नही । यदि सूक्ष्मता से जांच की जाए तो कई जिम्मेदार नप जाएंगे लेकिन जांच की उम्मीद करना बेईमानी है। पूरा विभाग ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में लिप्त है और ओहदे के अनुरूप चढ़ावा चढ़ाया जाता है।
हरियर छत्तीसगढ़ कोष से रोपित पौधे गायब
हरियर छत्तीसगढ़ कोष योजनांतर्गत सड़क पर आने जाने वालों को धूप से बचाने के लिए सड़क किनारे वृक्षारोपण कार्य वर्ष-2020-21में बांधाटोला से राम्हेपुर तक किया गया। जिसका लम्बाई एक किलोमीटर था और रोपित पौधों की संख्या एक हजार था पौधा लगाने और सुरक्षा करने की जिम्मेदारी वन परिक्षेत्र सहसपर लोहारा को दिया गया लेकिन हमेशा की तरह पौधा रोपण कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए वन विभाग ने किया और उसके सुरक्षा के लिए काटा तार लगाकर राशि आहरण कर लिया उसके बाद झांकने तक नही गया जिसके चलते एक हजार पौधे में से एक सौ पौधा भी जीवित नहीं है।
सरकारी खजाना में डाका, जांच की आवश्यकता
सहसपुर लोहारा सहित कबीरधाम वन मंडल में प्रति वर्ष लाखो की संख्या में पौधा रोपण किया जाता है और सरकारी खजाना से राशि का आहरण भी किया जाता है । सुरक्षा के नाम पर काटा तार लगाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर लिया जाता है। वन विभाग को हरियर छत्तीसगढ़ कोष से शासन से जारी राशि और परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा की राशि , रोपित किए गए पौधे की संख्या और वर्तमान में जीवित पौधो की संख्या की गणना करते हुए सूक्ष्मता से जांच की जाए तो कई प्रकार की अनियमितताएं उजागर होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता साथ ही जिनके ऊपर जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्हें भी नापने की आवश्यता है ।
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