कवर्धा , मानसून के दस्तक के साथ खेती किसानी की तैयारी में अन्नदाता जुट गए हैं और सभी आवश्यक तैयारी भी पूर्ण करते हुए धान की बीज खरीद रहे हैं। धान बीज विक्रेताओं के द्वारा अलग अलग दुकानों में अलग अलग कीमत में बेची जा रही है। दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में तरह तरह की कंपनिया की बीज बेच रहे हैं। किसान को समझ नही आ रहा है कि कौनसा बीज खरीदा जाए । कबीरधाम जिला में वर्तमान में दो उपसंचालक पदस्थ है बावजूद किसानो के हित में कोई निर्णय नही ले पा रहे है जो समझ से बाहर है ।
बड़े व्यापारियों के सह पर बिक रहा अमानक बीज
धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि और छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा एकमुस्त भुगतान को लेकर किसानों में खुशी है ।अधिक मुनाफा होने के कारण किसानों का ध्यान धान की खेती में ज्यादा है ।धान के रकबा में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसके चलते सभी किसान उन्नत बीज की तलास में जुटे हुए है । धान बीज की मांग अधिक होने के कारण बड़े व्यापारी गांवों में कोचिया सक्रिय करके अपना बीज बेचवा रहे है । इसकी जानकारी विभाग को भी है बावजूद अन्नदताओं पर ध्यान नही दे रहे है।
गांवो मे कोचिया सक्रिय
धान बीज की नर्सरी तैयार करने का उपयुक्त समय आ गया है जिसके चलते दुकानों में लंबी कतार लगी हुई है ।बड़े व्यापारी प्रतिस्पर्धा के कारण गांवो में कोचिया सक्रिय करके अपना बीज बेचवा रहे हैं। गांवो के किराना दुकान और पान ठेले में भी धान बीज बेचते दिखाई देने है । जिस पर टीम गठित कर जांच करने की आवश्यकता है। जो नही हो पा रहा है।
एक पी सी से लाइसेंस
बीज बेचने के लिए विभाग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है। लाइसेंस लेते समय कितने कंपनियों का बीज बेचना है यह तय भी लाइसेंस लेने वाले को ही तय करना है और संबंधित बीज कंपनियों से सोध प्रमाण (पी सी)लेकर संलग्न करना पड़ता है लेकिन कबीरधाम जिला के अधिकांश दुकानदार एक ,दो कंपनियों का पी सी लगाकर कई कंपनियों का माल बेच रहे हैं और कृषि अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा जांच पड़ताल नही किया जा रहा है ।
बिना बिल के बेच रहे हैं बीज
कबीरधाम जिला के अधिकांश दुकानदार धान बीज का बिल किसानो को नही दे रहे है। किसानो के द्वारा बिल मांग करने पर सादा पेपर या दुकान का लेटर पैड में लिख कर दे देते है जबकि इसके लिए विभाग से बकायदा निर्धारित प्रारूप तैयार रहता है । अमानक बीज या बीज में किसी प्रकार का कोई गड़बड़ी हो तो कि
सान अपनी समस्या को बिना बिल के कहीं पर नही रख सकता । किसानो को दुकानदारों के द्वारा बिल नही दिए जाने से लगातार ठगी के शिकार हो रहे हैं ।
जांच की आवश्यकता
कृषि सामग्री बेचने के लिए जारी किए गए लाइसेंस के नियमो का पालन दुकानदारों के द्वारा नही किया जा रहा है। नियमानुसार दुकान में लाइसेंस ,दुकान में उपलब्ध सामग्रियों की सूची को लोगो की जानकारी के लिए प्रदर्शित करना होता है वही साप्ताहिक,पाक्षिक और मासिक जानकारी उच्च कार्यालय को प्रेषित करना होता है लेकिन इसका पालन दुकानदार के द्वारा नही किया जाता और न हीं जिम्मेदार अधिकारी इसकी जांच करता है। जिससे साबित होता है कि जिले में पदस्थ ज़िम्मेदार अन्नदताओ के कितने हितैसी हैं।