कवर्धा , अपने कार्यशैली को लेकर हमेशा सुर्खियों मे रहने वाले डाक्टर कार्तिक राम रात्रे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झलमला में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया था परंतु इनके द्वारा ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार तथा एक बैगा महिला के मौत इनके ईलाज में लापरवाही की वजह से होने के कारण ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने पर इन्हे हटा कर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया में कार्य करने हेतु आदेश दिया गया परंतु आदतन होने के चलते वहा पर भी अपनी मनमानी करते हुए स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार तथा आए हुए मरीजों को बाहर मेडिकल से दवाई लेने तथा दुर्व्यवहार के कारण इनको पंडरिया से हटा कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रेंगाखार आदेश क्रमांक 1610 दिनांक 22-02-2023 को कार्य करने आदेशित किया गया।
बाहर की दवाई लिखते है मरीजो को
दिनांक 5-3-24 को रेंगाखार के ग्रामीणों द्वारा अस्पताल में आए मरीजों एवम् गर्भवती माताओं से निजी मेडिकल से दवाई लेने कहते है जबकि सभी जेनरिक दवाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेंगाखार में ही उपलब्ध है उक्त संबंध में कलेक्टर जिला कबीरधाम को शिकायत कर तत्काल कार्यवाही करते हुए यहां से हटाने ग्रामीणों ने शिकायत गया तत्पश्चात सीएमएचओ कबीरधाम के आदेश क्रमांक 4165 दिनांक 21 जून 2024 को प्राथमिक स्वास्थ केंद्र दामापुर में कार्य करने आदेशित किया गया है।
परंतु सीएमएचओ के आदेश का अवहेलना करते हुए आज दिनांक तक रेंगाखार में ही कार्य कर रहे है जबकि इस संबंध में सीएमएचओ द्वारा प्रथम नोटिस क्रमांक 5502/21.08.2024
तृतीय नोटिस क्रमांक 5743/02.09.2024
जारी कर आदेशों निर्देशों का अवहेलना करने तथा आज दिनांक तक नवीन कार्यस्थल में अपना उपस्थिति नहीं उच्च अधिकारी के आदेश का अवहेलना करने नोटिस जारी किया गया है परंतु इनके द्वारा उक्त समस्त आदेशों निर्देशों का स्पष्ट उलंघन करते हुए अनाधिकृत रूप से रेंगाखार में कार्य करने आवेदन देते हुए इनके द्वारा आज दिनांक तक दामापुर में अपनी उपस्थिति नही दिए है।
स्वयं के हस्ताक्षर से भेजते है वेतन पत्रक
प्रतिमाह बिना संस्था प्रभारी के हस्ताक्षर के अपने स्वयं के हस्ताक्षर से पे डाटा भेज कर सैलेरी प्राप्त कर रहे जिससे सीएमएचओ एवम् बीएमओ के कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है । आखिर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के बगैर इनको प्रतिमाह वेतन भुगतान कैसे किया जा रहा है।