कवर्धा – विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत 15 नवंबर 2023 से किया गया। इस पहल का उद्देश्य सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुँच के साथ-साथ बेहतर सड़क और दूरसंचार संपर्क और पीवीटीजी घरों और आवासों में स्थायी आजीविका के अवसर जैसी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना है।
यह अभियान पीवीटीजी परिवारों को व्यक्तिगत अधिकार और बुनियादी सुविधाओं के साथ बस्तियों को संतृप्त करने के उद्देश्य से एक प्रयास है, जिससे आदिवासी समुदायों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके। अभियान अवधि के दौरान आधार कार्ड , जन्म प्रमाण पत्र , वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र, सामुदायिक प्रमाण पत्र और जन धन खाते प्रदान किए जाएंगे क्योंकि ये आयुष्मान कार्ड , पीएम किसान सम्मान निधि , किसान क्रेडिट कार्ड आदि जैसी अन्य योजनाओं के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं। इस पहल से उन सभी पीवीटीजी परिवारों को कवर किया जाएगा जो दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण वंचित रह गए हैं। जनजाति समूहों के दरवाजे पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए हाट बाजार, सीएससी, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वनधन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा, लेकिन कबीरधाम जिला में ऐसा नहीं हो रहा है ।
मेन रोड से दुर्जनपुर बैगापारा में बन रहे सड़क की हालात दयनीय
प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत मेन रोड से दुर्जनपुर बैगापारा में निर्माणाधीन सड़क की लंबाई 1.40 किलोमीटर है, जिसमें पांच पुलिया और एक रपटा बनाया जाएगा साथ ही डामरीकृत 0.90 किलोमीटर और सीमेंट कंक्रीट 0.50 किलीमीटर का बनेगा । उक्त सड़क निर्माण की अनुमानित लागत 89.58 लाख रुपए है। सड़क का पैकेज क्रमांक CG – 09- 128 (जनमन) है । उक्त जानकारी वहां पर लगे नागरिक सूचना पटल पर प्रदर्शित है। जिसमें ठेकेदार के नाम, पता, कार्य प्रारंभ तिथि सहित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी लिखा गया था लेकिन बोर्ड को किसी ने तोड़ दिया गया। दुर्जनपुर बैगा पारा की जनसंख्या 162 है । उक्त सड़क निर्माण में ठेकेदार के द्वारा सड़क निर्माण सामग्री के गुणवत्ता में समझौता करते हुए घटिया किस्म से बनाया जा रहा है। जिम्मेदार झांकने तक नहीं जाते ऐसा दिखाई देता है ।
ठेकेदार ने मुरूम के लिए आदिम जाति बैगाओं का खेत खोदा
ठेकेदार ने सड़क निर्माण के लिए मिट्टी ,मुरूम, बजरी के लिए बैगाओं के खेत और कुछ सड़क किनारे जंगल की खुदाई किया है। परसोत्तम बैगा ने बताया कि ठेकेदार ने आकर बैगाओं को कहा कि तुम लोगों के सुविधा के सड़क का निर्माण किया जा रहा है, तो तुम्हारे खेत का ही खुदाई करेंगे कहते हुए मेरे खेत से बजरी की खुदाई कर सड़क में डाल रहे है। वहीं थगलू बैगा और जंगल किनारे की खुदाई कर मुरूम निकाला गया है। ठेकेदार के द्वारा भोलेभाले बैगाओं के खेत का अवैध खुदाई कर उनसे निःशुल्क मिट्टी, मुरूम और बजरी निकाल रहा हैं, जबकि सभी सामग्री का बिल वाउचर तैयार कर राशि आहरण किया जाएगा।
बैगाओं के पट्टे के तालाब की पानी का निर्माण में उपयोग
एक ओर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी PVTGs बैगाओं की तरक्की और जीविका को संवारने के लिए पीएम जनमन योजना संचालित कर रहे हैं। वहीं राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से बैगा जनजाति को आगे बढ़ाने प्रयास कर रहे हैं। कबीरधाम जिले के क्षेत्रीय विधायक एवं राज्य के लोकप्रिय उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के गृह क्षेत्र के बैगा जनजाति को मछली पालन से आजीविका संवारने 10 वर्ष की तालाब लीज पर दी गई है। ग्राम इंद्रीपानी के बैगा जनजाति मछली पालन से अपनी गरीबी दूर करने कार्य कर रहे हैं।
लेकिन PVTGs बैगा जनजाति के जीविका एवं सपने को चकनाचूर कर रहे हैं सड़क ठेकेदार । जो अपनी मनमानी एवं अत्याचार से मछली पालन करने वाले तालाब से पानी को निकाल कर सड़क बनाने में उपयोग कर रहे हैं। मछली पालन वालों द्वारा मना करने पर धमकी देते हैं कि मंत्री का करीबी हूं। मनमर्जी से सड़क बनाना और मछली पालन तालाब से पानी निकालने का कार्य कर रहा है। ग्रामीणों में इतवारी बैगा, सुंदरी बैगा, शिवकुमार बैगा ने बताया कि हम गरीब गरीब परिवार मछली पालन से जीवन यापन कर रहे हैं। मछली पालन हमारी खेती है और भरे खेती में कोई फसल को तबाह कर रहे हैं यह बहुत ही भयंकर अत्याचार और अन्याय है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1986 के तहत भी ठेकेदार के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होना चाहिए। इसके साथ साथ मत्स्य पालन विभाग द्वारा भी सरकारी पट्टा वाले तालाब के पानी को निकालने के विरुद्ध भी कार्यवाही किया जाना चाहिए। यदि ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होती तो सभी बैगा जनजाति परिवार जीविका संकट गहराने लगेगी।
सड़क ठेकेदारों द्वारा गंभीर लापरवाही और मुनाफा कमाने के लिए गांव के प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। जिसमें गांव के तालाबों से मनमाने पानी की निकासी, जंगल जमीन से मिट्टी एवं मुरूम का खनन, वन क्षेत्रों के नदी और नालों से रेत उत्खनन कर रहे हैं।