कवर्धा , जिले के विकास को लेकर संकल्पित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने विकास की गंगा बहाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है । ग्रामीणों की मांग और उनके आवश्यकताओं के अनुसार मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहे है । जगह जगह पर आवश्यकतानुसार निर्माण कार्य की स्वीकृति भी दिला रहे है लेकिन उक्त कार्यों को संपन्न कराने और करने वाले गुणवत्ता दरकिनार कर निर्माण को अंजाम दे रहे है हाल ही में कबीरधाम के तेजतरार कलेक्टर ने मंडी बोर्ड के द्वारा बनाए गए सी सी सड़क को तोड़वाकर पुनः निर्माण का निर्देश दिया था बावजूद कार्यों में सुधार नहीं हो रहा हैं और जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी ठेकेदार मनमर्जी तरीके से कार्य को पूर्ण कर रहे है ।
ग्राम पंचायत पडकी कला में सी सी रोड खराब
मंडी बोर्ड के द्वारा लाखों रुपए की राशि स्वीकृत कर ग्राम पंचायत पडकी कला के आश्रित ग्राम बेलमुडा में सी सी रोड बनाया जा रहा है जिसमें गुणवत्ता को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बेलमुड़ा पंडरिया विकासखंड में आता है । जहां पर निर्माणाधीन सी सी रोड में स्थानीय नदी का मिट्टी युक्त रेत का उपयोग किया जा रहा है । मिट्टी युक्त रेत से सीमेंट का पकड़ कमजोर होता हैं जो समय से पहले खराब हो जाता है। जिस उद्देश्य से सड़क का निर्माण किया जा रहा है उसकी पूर्ति नहीं हो पाता ।
अधिकारियों की मिलीभगत की संभावना
मंडी बोर्ड का स्थानीय कार्यालय नहीं है साथ ही उनका कोई तकनीकी जानकार अधिकारी भी कार्यस्थल का मुआवना नहीं कर पाता। मूल्यांकन और सत्यापन भी घर बैठे कर दिया जाता हैं जिसका भरपूर लाभ ठेकेदार द्वारा उठाया जाता हैं साथ ही ओहदे के अनुरूप चढ़ावा भी चढ़ा दिया जाता हैं जिसके चलते कोई सक्षम अधिकारी झांकने तक नहीं जाते ।
कमीशन का बड़ा खेल
जिले के अधिकांश निर्माण कार्यों का टेंडर बड़े ठेकेदार के द्वारा ले लिया जाता हैं और कमीशन लेकर स्थानीय व्यक्ति या कोई अन्य ठेकेदार को कार्य पूर्ण करने के लिए दे दिया जाता हैं साथ ही अधिकारी कर्मचारियों को सिस्टम के अनुसार भी कमीशन दिया जाता है जिसके चलते निर्माण कार्यों के गुणवत्ता पर समझौता करते हुए कार्य को पूर्ण किया जाता हैं। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत पडकी कला के आश्रित ग्राम बेलमुड़ा में भी हुआ है।
पडकी निवासियों को कलेक्टर से है उम्मीद
जनपद पंचायत पंडरिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत पडकी कला के आश्रित ग्राम बेलमुड़ा में मंडी बोर्ड द्वारा निर्माणाधीन सी सी रोड पर स्थानीय नदी के रेत का उपयोग किया जा रहा है। जो समय से पहले खराब होने की संभावना है । ग्रामीणों के मना करने के बावजूद गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों को बटुराकछार की तरह जिला कलेक्टर से उम्मीद है कि इसे भी तुड़वाकर पुनः निर्माण कराएंगे ।