कवर्धा , जिला मुख्यालय 100 बिस्तर अस्पताल के बहुचर्चित मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में मेडिकल बोर्ड के शाखा प्रभारी लिपिक दीपक सिंह ठाकुर को मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निलंबित किया है। निलंबन अवधि में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दलदली मुख्यालय दिया गया है। निलंबन में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
ये है मामला
वर्ष 2021 में आरक्षक मेडिकल बोर्ड में फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाने जिला अस्पताल आए थे। दो नव आरक्षक डेविड लहरे और खेमराज कलर ब्लाइंड से अनफिट थे उन्हें झूठी नेत्र जांच रिपोर्ट लिखकर नेत्र सहायक अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करके मेडिकल बोर्ड शाखा से फिट मेडिकल प्रमाण पत्र दिया गया। नेत्र सहायक अधिकारी के शिकायत पर दोनों आरक्षकों का राजनांदगांव से दुबारा जांच करवाया गया वहाँ भी कलर ब्लाइंड से अनफिट मिलने पर दोनों आरक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने प्रकरण का प्रारंभिक जांच करवाया था जिसमें दीपक सिंह ठाकुर को प्रथम दृष्टया दोषी ठहराया गया था। आरक्षकों को फर्जी फिट प्रमाण पत्र देने वालो के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही होने से पूरा मामला लगातार मीडिया की सुर्खियों में रही है।
विवादों से है नाता
दीपक सिंह ठाकुर और विवादों का चोली दामन का रिश्ता रहा है। दीपक सिंह ठाकुर के विरुद्ध फर्मो का भुगतान चेक अपने नाम पर लेने व फर्जी बिलो से आहरण करके जी एस टी चोरी, तथा विभाग के कर्मचारि अर्जुन बैगा रामसिंह बैगा ममता बागड़े व शत्रुघ्न शर्मा ने काम के एवज में रिश्वत मांगने नही देने पर भुगतान रोककर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित करके उसके ऊपर लगे समस्त लांछनों के निष्पक्ष जांच की मांग होते रही है। दीपक सिंह ठाकुर अपने ऊची पहुंच के दम पर कार्यवाही से बचने में कामयाब हो जाते थे लेकिन निलंबित करके विभागीय जांच करके थाना में प्राथमिक दर्ज करने, संचालक स्वास्थ्य के सख्त आदेश के सामने दीपक सिंह ठाकुर की पहुंच और रसूख दम तोड़ दिया है।
बहरहाल दीपक सिंह ठाकुर के निलंबित होने के बाद पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की प्रबल संभावना है।