कवर्धा , त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की बिगुल बज चुके हैं और आरक्षण भी हो गया है। आरक्षण के बाद लोगों में खुशी और ग़म की स्थिति बना हुआ है। जनगणना 2011 के आधार पर आरक्षण किया गया है। जिले में बहुत से ऐसे पंचायत का आरक्षण हुआ है जहां पर उस जाति के लोग निवासरत ही नहीं हैं । कुछ जगहों पर यदाकदा लोग ही रहते है लेकिन बहुत से पंचायत में पढ़े लिखे जागरूक लोग अपने गांव की विकाश का परिकल्पना करते हुए शासकीय नौकरी के बजाए चुनाव मैदान में सशक्त दावेदार के रूप में सामने आ रहे है । जनपद पंचायत कवर्धा के अंतर्गत ग्राम पंचायत मरका में प्रेमाजली शर्मा विकास को लेकर सरपंच बनने की इच्छा जताई है।
लगभग दो हजार की आबादी वाले पंचायत
कबीरधाम जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मरका में 1965 की आबादी है । तीन गांव मिलकर एक पंचायत बना है । जिसमें मरका , जैतपुरी और हेड्सपुर शामिल हैं । तीनों गांव मिलकर 1624 मतदाता हैं और 14 वार्ड में विभाजित है । ग्राम पंचायत में शासन के द्वारा लोगो के आवश्यकता और मांग के अनुरूप विकाश कार्य के लिए राशि की स्वीकृति मिलती थी बावजूद गांवों में मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध नहीं है जिसे देख प्रेमंजली शर्मा ने विकास के लिए संकल्पित होकर चुनाव लड़कर सरपंच बनकर विकास करने की बीड़ा उठा रही हैं ।
पंचायत में परिवारिक पकड़ मजबूत
प्रेमांजलि शर्मा की परिवारिक पकड़ पंचायत के साथ ही आसपास के गांवों में मजबूत है जिसका मुख्य वजह है कि उनके पिता रमेश शर्मा पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत हैं । जिसके चलते पंचायत और क्षेत्र के लोगों में अच्छा संबंध स्थापित है । प्रेमांजलि की माता रजनी शर्मा स्वास्थ्य विभाग के मितानिन के रूप में कार्यरत है । मितानिनों के द्वारा गांव के विभिन्न कार्यों में सेवाएं देती है । महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण का कार्य मुख्य सेवाएं में शामिल हैं। जिसके चलते महिला मतदाताओं में उनकी खासी पकड़ बनी हुई हैं ।
विकास के लिए संकल्पित
ग्राम पंचायत मरका की स्थिति को देखते हुए प्रेमांजलि शर्मा शासकीय नौकरी के बजाए सरपंच बनने की इच्छा जताई है। प्रेमांजलि शर्मा बी ए स्नातक की पढ़ाई किया है साथ ही नर्सिंग डिप्लोमा , कम्प्यूटर में डी सी ए की भी पढ़ाई किया है । इतना पढ़ाई लिखाई और डिग्री डिप्लोमा होने के बावजूद उन्होंने अपने गांव के विकाश के लिए संकल्पित होकर चुनाव लड़कर सेवा करना चाहते है।