कवर्धा , सैया भय कोटवार तो डर काहे का कहावत को चरितार्थ करते हुए वन मंडल कबीरधाम में सारे नियमों को ताक में रखकर बरसात के पूर्व अर्दन डेम का निर्माण कराया गया है जिसमे लाखो रुपए व्यय कर राशि आहरण कर लिया गया लेकिन मौके पर देखने से स्वीकृत राशि का पच्चीस फीसदी भी व्यय नही किया है साथ ही डेम में बूंद भर पानी नही है और अतिक्रमणकारियों ने हरे भरे पेड़ो की कटाई भी कर रहे है ।निर्माण कार्य की जिम्मेदारी निभाने वाली तत्कालीन रेंज अफसर के ऊपर पूरा विभागीय अमला ने मेहरबानी निभाई हैं। जिसके चलते उन्हें पदोन्नत भी कर दिया गया जो काफी चर्चा में हैं ।
सरकारी धन का हुआ बंदरबाट
सरकारी संपत्ति अपनी संपत्ति मानकर सुरक्षा करना चाहिए ऐसा हमेशा ट्रेनों और सरकारी संपत्तियों में लिखा रहता है । जिसे अमल करते हुए कबीरधाम वन मंडल के पूर्व परिक्षेत्र पंडरिया के हरिनाला कक्ष कमांक 496 में अर्दन डेम निर्माण बरसात के पूर्व किया गया है जिसमे शासन की रूपयों की इस तरह बंदरबांट करते हुए उपयोग किया है । छत्तिसगढ़ राज्य में ऐसा कारनामा वन विभाग का किसी भी स्थान पर नहीं मिलेगा ।अर्दन डेमों में जे.सी.बी.मशीन एवं टैक्टर से कार्य कराया गया और संपूर्ण राशि आहरण कर ली गई, । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अर्दन डेम निर्माण में मजदूरों का फर्जी नाम विकासखण्ड, जिला , संभाग से नही बल्कि रेंज अफसर ने अपने चहेते का पड़ोसी बिलासपुर संभाग के अधीनस्थ जिला मुंगेली के लोरमी ब्लाक के परिचितों लोगों का नाम भरकर फर्जी तरीके से आहरण कर लाखों रूपयों को बंदरबांट उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जीवाड़े को अंजाम दे दिया गया। वन मंत्री का निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण शिकायत के बावजूद भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगो पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ।
कार्यवाही के बजाए पदोन्नत हुई रेंज अफसर
तत्कालीन पंडरिया वन परिक्षेत्र पूर्व के रेंज अफसर के कार्यकाल में जितने भी निर्माण कार्य किया गया है , उसमे भरी भरकम भ्रष्टाचार हुई है साथ ही शासन के नियमो को तक में रखकर कार्य को अंजाम दिया गया जिसकी जानकारी मिलते ही लोगो ने शिकायत भी किया लेकिन शिकायत की जांच करने के बजाए उच्चाधिकारियों ने उसे पदोन्नत कर कार्य मुक्त कर दिया गया जो लोगो में भारी चर्चा का विषय बना हुआ है आखिर भ्रष्टाचारी रेंज अफसर ने उच्चाधिकारियों को खुश करने के क्या गुल खिलाई है ।
प्रकालन को किया किनारा
पंडरिया वन परिक्षेत्र ( पूर्व) में हरी नाला पर बनाए गए अर्दन डेम में प्रकालन को किनारे कर अपने मनमर्जी तरीके से बनाया गया है । ट्रेक्टर और जे सी बी से तो कार्य कर मेड बंधान किया गया है। नियमतः मेड बंधान पर रोलर चलाकर मजबूत करना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया है साथ ही रोलर का भी फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण किया गया होगा । अर्दन डेम के मेड बंधान पर बड़े बड़े दरार दिखाई दे रहा है जिसके चलते बरसात में बांध का टूटने की संभावना है । पिचिंग कार्य में भी प्राकलन से कम पत्थर लगाया गया है ।
अर्दन डेम अतिक्रमणकारियों का हो रहा शिकार
हरि नाला में बनाया गया अर्दन डेम में बुंद भर पानी नही है सुख गया है और सूखे डेम के अंदर के पुराने हरे भरे पेड़ो को अतिक्रमणकारियो के द्वारा काटा जा रहा है साथ ही चारो तरफ से अतिक्रमण किया जा रहा है । जिस पर विभागीय अमला कार्यवाही करने के बजाए मूकदर्शक दिखाई दे रहा है जिससे साबित होता है कि वन अमला केवल निर्माण कार्य पर ज्यादा ध्यान दे रहा है और जंगल की सुरक्षा पर नही के बराबर ,जिसका मुख्य वजह है भष्टाचार करना ।
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