BP NEWS CG
Breaking Newsकवर्धाबड़ी खबरसमाचारसिटी न्यूज़

प्रेस और पुलिस लिखे वाहनों की भरमार ,जांच की आवश्यकता

20240905_073131-BlendCollage
20240905_073131-BlendCollage
previous arrow
next arrow
कवर्धा , जिले में इन दिनों फर्जी ‘पत्रकार’, ‘प्रेस’ और पुलिस लिखे गाड़ियों की भरमार हो गयी है । जहाँ भी जिस किसी चौक-चौराहे पर आप खडें हो जाएँ तो फिर जिधर भी आपकी नजर जाएगी 2-4 गाड़ी ऐसी दिख ही जाएगी जिसपर ‘प्रेस’ या ‘पुलिस’ लिखा होता है। इस ‘विशेष सुविधा’ का लाभ लेने से क्षेत्रों के तथाकथित फर्जी पत्रकार कभी भी चुकते नहीं हैं। आम गाड़ियों की अपेक्षा इन्हें अक्सर मिलनेवाले वरीयता के कारण ढेरों लोग अपने गाड़ियों पर ‘प्रेस’ अंकित करवा कर अपना रोब झारते नजर आ जाते हैं। बिना सिर पैर की इनकी योग्यता और प्रतिष्ठा की कद्र भले आम लोगों के नजर में ज्यादा नहीं हो लेकिन इस ‘प्रेस’ के टैग के सहारे ये फर्जी पत्रकार प्रशासन और पुलिस को धोखा देते हुए कई सारे असामाजिक कार्यों में भी लिप्त जैसे प्रतीत होते हैं, प्रेस व पुलिस लिखी यह गाड़ी नंबर और बगैर नंबर की भी होती है। जो पुलिस से बचाव हेतु या गाड़ी की वास्तविकता को छिपाए रखने हेतु प्रेस या पुलिस शब्द का बखूबी से इस्तेमाल कर रहे होते हैं। पुलिस व जनता की आंखों में धूल झोंककर लोगों को ठगने का काम भी जिले में धड़ल्ले से चल रहा है, जिस पर तुरन्त नकेल लगना अति आवश्यक है। “कुछ संस्थाए तो ऐसी है जो कुछ रुपये हजार रुपये लेकर अपनी संस्थान का कार्ड भी बना देती है। इन फर्जी पत्रकारों ने विजिटिंग कार्ड भी छपवा रखे है। जो लोग पुलिस की चेकिंग के दोरान उनको प्रेस (मीडिया) की धोस भी दिखाते है। गाड़ी रोकने पर पुलिस से बदतमीजी करते है। इनमे से बहुत से पत्रकार है जो अपराधी तत्व के हैं जिनपर न जाने कितने अपराधिक मुकदमे भी दर्ज है प्रेस मीडिया की आड में मीडिया को बदनाम कर रहे है । 
प्रेस और पुलिस से कोई वास्ता नहीं बावजूद
क्षेत्रों में प्रेस और पुलिस लिखे ऐसे दो पहिया गाड़ियां एवं चार पहिया गाड़ियां हैं जिनका प्रेस पत्रकार मीडिया और पुलिस से दूर-दूर तक का कोई रिश्ता नही है। अधिकतर उन गाड़ियों में प्रेस लिखा है जिनके वाहन-चालक मालिक के पास न तो कागजात है न ही लाइसेंस है जिस पर ये लोग प्रेस लिखाकर क्षेत्र में नाजायज फायदा उठा रहे हैं। जिनके चलते पत्रकारों की साख धूमिल हो रही है। क्षेत्रों में कुछ ऐसे प्रेस लिखे चारपहिया वाहन भी हैं जिस वाहन से मादक पदार्थ गांजा और शराब का तस्करी किया जा रहा है। प्रेस लिखा होने से गाड़ी को भी कोई नही रोकता जिसका पूरा फायदा चालक निर्भय होकर उठाते हैं। यदि पुलिस प्रशासन ऐसे वाहनों पर समय रहते अंकुश नही लगाया तो आने वाले दिनों में सभी पत्रकारों की छवि धूमिल हो जाएगी। जिसके चलते आने वाले समय में सही पत्रकारों का पहचान करना भी मुश्किल हो जायेगा। 
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कर रहे है बदनाम
फर्जी तरह से दुपहिया और चार पहिया वाहनों पर लिखे प्रेस वाहनों की भरमार पर एक सवाल यह भी है कि आखिर इनके पास जिन समाचार पत्रों के आई डी कार्ड है क्या वह समाचार पत्र क्षेत्र में आते भी हैं। क्या यह समाचार पत्र संबंधित अधिकारी अर्थात जिला जनसंपर्क अधिकारी के पास पंजीकृत भी है या नहीं। आईडी कार्ड की वैधता वर्तमान में है भी या नही, इसके बावजूद भी धड़ल्ले से वाहनों पर फर्जी तरह से प्रेस लिखवा कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का मजाक बनाया जा रहा है। जिससे अन्य पत्रकारों की भी छवि खराब हो रही है। आखिर वाहनों पर प्रेस लिखे वाहनों पर प्रशासन सशक्त क्यों नहीं होते और राज्य में इतने पत्रकार संगठन भी इस मुद्दे पर किसी तरह का कोई ठोस कदम नहीं उठाते है तो गाड़ियों पर प्रेस लिखवाकर चलना एक फैशन बनकर रह जायेगा।

Related posts

मनमानी : उच्चाधिकारी के आदेशों का पालन नहीं कर रहे डाक्टर, स्थानांतरण के बाबजूद

bpnewscg

कबीरधाम: किराए व दान के भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं के अभाव में संचालन

bpnewscg

नदी नालों से रेत का अवैध परिवहन जारी , जिम्मेदार निभा रहे दोस्ती यारी

bpnewscg

Leave a Comment