BP NEWS CG
Breaking Newsकवर्धाबड़ी खबरसमाचारसिटी न्यूज़

मेडिकल फर्जीवाड़ा के दोषी दीपक सिंह ठाकुर के खिलाफ एफ आई आर नहीं , उठने लगे सवाल.

Flex 10x20 new_1
IMG_20241217_222130
previous arrow
next arrow
कवर्धा , करीब महीने भर पहले मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मेडिकल फर्जीवाड़ा मामला के दोषी लिपिक दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य संचालक ने पांच माह पूर्व दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित करके विभागीय जांच करने और पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आदेश दिया था। 
सीएमएचओ डॉ बी एल राज ने स्वास्थ्य संचालक के आदेश के बावजूद चार – पांच माह तक टालमटोल करके दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित होने से बचाकर रखे थे। निलंबन के बाद लिपिक दीपक सिंह ठाकुर को आरोप पत्र दिया गया है जिसका जवाब दीपक ठाकुर द्वारा निर्धारित समय मे दे दिया गया है लेकिन आज तक उसके खिलाफ विभागीय जांच समिति गठित नही किया गया है और न ही पुलिस में एफआईआर पंजीबद्ध करवाया गया है। जो काफी चर्चा में है । आखिर ऐसा क्या मजबूरी है।

उच्च न्यायलय में 24 मार्च को सुनवाई

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार दीपक सिंह ठाकुर ने माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर किया है। जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा विभाग को चार सप्ताह के भीतर रिटर्न दाखिल करने एवं याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर प्रतिउत्तर यदि कोई हो तो दाखिल करने कहा गया है। 24 मार्च 2025 को अगली सुनवाई तिथि तय किया गया है।

उठ रहे सवाल

मेडिकल फर्जीवाड़ा जैसे अति महत्वपूर्ण प्रकरण में मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की जा रही लेटलतीफी कार्यशैली पर उंगलियां उठ रही है। डॉ राज के सीएमएचओ रहते मामले में, दिपक सिंह ठाकुर के खिलाफ निष्पक्ष विभागीय जांच और पुलिस में प्राथमिक दर्ज कराने को लेकर विभागीय हलकों में अटकलों और कयशो का बाजार गर्म है।
बहरहाल अटकलों और कयाशो पर विराम तो स्वास्थ्य संचालक के आदेशानुसार सीएमएचओ द्वारा विभागीय जांच समिति गठित करने और पुलिस में प्राथमिक दर्ज कराने के बाद लगेगा।

 

Related posts

सांसद ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से की मुलाकात, भोरमदेव मंदिर के विकास की रखी मांग

Gayatri Bhumi

जलाशय और नदी से अवैध जल दोहन पर कार्रवाई, कई पंप जब्त

Bhuvan Patel

जिला स्तरीय समस्या निवारण शिविर में मिले 354 आवेदन, मौके पर आधे आवेदनों का नहीं हो पाया निराकरण

Bhuvan Patel

Leave a Comment