कवर्धा , कबीरधाम जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के नियमो अधिनियमों का खुला धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिम्मेदारों की जिम्मेदारी पर भी संदेह होने लगा है । मजदूरों के जगह मशीनरी का उपयोग और कार्य एंजेसी को किनारे करते हुए ठेकेदारों को काम देना मशहूर हो गया है । कार्य स्थल पर देखने से मनरेगा कर्मचारी नजर नही आते लेकिन अनाधिकृत रूप से ठेकेदार के कर्मचारी खड़ा होकर निर्माण कार्य को पूर्ण कराने में लगे रहते है साथ ही प्राकलन को किनारे करते हुए मनमानी पूर्ण कार्य को अंजाम दे रहे है ।
कार्य स्थल से मनरेगा कर्मचारी गायब
सहसपुर लोहारा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत दनिया खुर्द में कर्रा नाला में चेक डेम का निर्माण किया जा रहा है जिसकी स्वीकृति महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत हुआ है । नियमानुसार कार्य स्थल पर मनरेगा कर्मचारी के मौजूदगी में कार्य होना चाहिए लेकिन वहा पर ठेकेदार के कर्मचारी खड़ा होकर निर्माण कार्य करा रहे है । कार्य स्थल पर मौजूद मजदूरों ने तकनीकी सहायक को कभी कभार आने की बात बोल रहे थे ।
मजदूरों के बजाए मशीन का उपयोग
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कोई भी निर्माण कार्य में मजदूरों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने का प्रावधान है लेकिन दनिया खुर्द में निर्माणाधीन चेक डेम की खुदाई मजदूरों के बजाए जे सी बी से किया गया है । जिसका निशान साफ साफ दिखाई दे रहा है साथ ही कार्य स्थल पर मौजूद मजदूरों ने भी जे सी बी से खुदाई होने की बात बोल रहे थे ।
निर्माण कार्य में गुणवत्ता दरकिनार
सहसपुर लोहारा ग्राम पंचायत दनिया खुर्द में निर्माणाधीन चेक डेम के बेस में फोर्टी एम एम की गिट्टी का उपयोग होना चाहिए लेकिन कार्य स्थल पर जाकर देखने से स्पष्ट दिखाई देता है कि ठेकेदार केवल बीस एम एम और उससे छोटे छोटे टुकड़ों का मिश्रण वाले गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है । कार्य स्थल पर कोई जानकार मिस्त्री नही है केवल मजदूरों को ठेकेदार के द्वारा बताए अनुसार सीमेंट का मिश्रण किया जा रहा है जो पर्याप्त नहीं हैं । गुणवत्ता के साथ समझौता किया जा रहा है जिसका परिणाम बरसात में क्षति ग्रस्त होने से गांव वालो को भुगतना पड़ेगा। शासन के मंशा के अनुरूप लोगो को लाभ नही मिल पाएगा ।
पारदर्शिता का अभाव
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायत दनिया खुर्द में निर्माणाधीन चेक डेम में पारदर्शिता की कमी देखा जा सकता है । नियमो के अनुसार सबसे पहले नागरिक सूचना पटल बनाया जाता हैं जिससे निर्माण कार्य से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदर्शित किया जाना जरूरी होता है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कोई भी सूचना पटल नही बनाया गया है ।
जिम्मेदार बने मुकदर्शक
मनरेगा योजना के तहत कोई भी निर्माण कार्य में पारदर्शिता लाने में सहसपुर लोहारा विकास खंड पीछे है बल्कि कुछ दिन पूर्व सिंघनपुरी जंगल में बिना मस्टरोल जारी किए निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया था ।जानकारी समाचार पत्र और सोशल मीडिया में वायरल होने पर सभी जिम्मेदारों ने अपनी सहभागिता को हटाते हुए अपने आप को किनारे करते नजर आ रहे है । विकासखंड के अधिकांश कार्यों में नियमो की धज्जियां उड़ाते देखा जा सकता है । आखिर ऐसा क्यों हो रहा है इसकी सूक्ष्मता से जांच पड़ताल की जरूरत है ।